4 माह उलटे दंडवत सफर के बाद मां चिंतपूर्णी के दर पहुंचा राजस्थान के श्रद्धालुओं का जत्था

Edited By Vijay, Updated: 18 Dec, 2020 11:24 PM

devotees of rajasthan in chintpurni temple

कहते हैं कि धार्मिक आस्थाओं के आगे सब बातें और हर दुनियावी धारणाएं बौनी साबित हो जाती हैं। इसी को चरितार्थ करने राजस्थान से 17 सदस्यीय श्रद्धालुओं का दल निकला हुआ है। लगभग 4 माह से यह दल 800 किलोमीटर के धार्मिक सफर पर निकला हुआ है।

ऊना (विशाल स्याल): कहते हैं कि धार्मिक आस्थाओं के आगे सब बातें और हर दुनियावी धारणाएं बौनी साबित हो जाती हैं। इसी को चरितार्थ करने राजस्थान से 17 सदस्यीय श्रद्धालुओं का दल निकला हुआ है। लगभग 4 माह से यह दल 800 किलोमीटर के धार्मिक सफर पर निकला हुआ है। सफर भी कार, बस या किसी आरामदायक वाहन में नहीं, बल्कि दंडवत होते हुए किया जा रहा है। जी हां दंडवत, दंडवत भी आसान नहीं बल्कि उलटे दंडवत होते हुए यह दल राजस्थान से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला तक जाएगा। जहां यह मां ज्वालाजी के दर्शन करेगा जबकि इससे पहले जिला ऊना में मां चिंतपूर्णी के मंदिर में नतमस्तक होगा। राजस्थान के किरौली जिला के तहत टोडा भीम के गांव हैदलपुर से संबंधित उक्त 17 सदस्यीय दल में लगभग सभी श्रद्धालु बुजुर्ग हैं और 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं, लेकिन जज्बा ऐसा है कि नौजवान भी इनका मुकाबला न कर पाएं। खास बात है कि इस दल में 4 महिलाएं भी शामिल हैं जोकि कंधे से कंधा मिलाकर पूरे दमखम के साथ जत्थे के साथ चली हुई हैं।

24 अगस्त से धार्मिक यात्रा पर निकला था जत्था

यह श्रद्धालु जत्था राजस्थान के हैदलपुर स्थित अपने गांव से 24 अगस्त से धार्मिक यात्रा पर निकला था और शुक्रवार को यह दल हिमाचल के जिला ऊना जिला मुख्यालय पहुंचा था। यह 17 सदस्यीय ग्रुप 2 दलों में बांटा गया है। एक में 7 पुरुष सदस्य हैं, जबकि दूसरे में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। इतनी भयंकर ठंड में भी मां की भक्ति से ओतप्रोत यह दल लगातार आगे बढ़ता जा रहा है और इनका सफर मां ज्वालाजी के चरणों में जाकर समाप्त होगा।

एक दिन में लगभग 8 किलोमीटर सफर करते हैं तय

यह दल अपने साथ खाने-पीने का सामान और खाना पकाने का सामान लेकर चला हुआ है। दंडवत करते श्रद्धालुओं के साथ उनके अन्य साथी 2 रेहडिय़ां लेकर चले हुए हैं, जिनमें उन सबका सामान रखा हुआ है। एक दिन में लगभग 8 किलोमीटर का सफर तय करते हुए ये दोनों दल आगे बढ़ रहे हैं। जहां रात पड़ती है वहीं यह दल डेरा जमा लेता है। अधिकतर यह दल किसी सराय या मंदिर की शरण लेता है।

एक को छोड़कर दल के सभी सदस्य पहली बार कर रहे दंडवत यात्रा

इस दल में ओम प्रकाश, तेजराम, राम स्वरूप, श्रीमन, पप्पू, रत्न, रवि कुमार, मिश्री लाल, मोहन लाल, प्रकाश, सोनू, सेनापति व कमल सहित 4 महिलाएं केसंती, केशो व रामपति सहित एक अन्य महिला इस जत्थे का हिस्सा है। इन श्रद्धालुओं के मुताबिक इस दल के सभी सदस्य पहली बार इस तरह की दंडवत यात्रा पर हिमाचल आए हैं, जबकि राम स्वरूप भगत ही इस यात्रा पर दूसरी बार आया है। इन श्रद्धालुओं के मुताबिक मां ज्वालाजी और मां चिंतपूर्णी की शक्ति से ही वे लगभग 800 किलोमीटर का सफर तय करेंगे और मां के दर्शन करते हुए मंदिरों में नतमस्तक होंगे।

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