Edited By Vijay, Updated: 01 Sep, 2018 10:35 PM
प्रदेश में मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण 35 लोगों की जान गई है। मृतकों के आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से 2-2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस प्रकार गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।
शिमला: प्रदेश में मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण 35 लोगों की जान गई है। मृतकों के आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से 2-2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस प्रकार गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व एवं लोक निर्माण विभाग मनीषा नंदा ने शनिवार को सभी जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉफ्रैंसिंग करके बरसात से हुए नुक्सान का जायजा लिया। मनीषा नंदा ने कांगड़ा, कुल्लू और चम्बा के उपायुक्तों को वर्षा से हुए नुक्सान का शीघ्र आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपायुक्तों को आगामी 5 सितम्बर को होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक से पहले नुक्सान की ताजा रिपोर्ट भेजने को कहा है क्योंकि मंत्रिमंडल में इसे लेकर चर्चा की जाएगी। मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद नुक्सान की रिपोर्ट मुआवजे के लिए केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
वित्तीय रिपोर्ट के साथ वीडियो भी भेजेगी सरकार
राज्य सरकार पहली बार नुक्सान की वित्तीय रिपोर्ट के साथ वीडियो भी भेजेगी ताकि केंद्र को बारिश के कारण आई आपदा से सही स्थिति से अवगत करवाया जा सके। प्रदेश में अब तक बरसात के कारण 1070 करोड़ से ज्यादा की चल एवं अचल संपत्ति को नुक्सान हो चुका है। मनीषा नंदा ने कहा कि शिमला, कुल्लू और चम्बा में डॉप्लर राडार स्थापित करने के लिए राज्य सरकार से उपयुक्त जमीन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है ताकि इनके लगने से बारिश के रूप में आसमान से बरसने वाली आफत का पूर्वानुमान लगाया जा सके। वीडियो कांफ्रैंस के दौरान उन्होंने राहत व बचाव कार्यों को बेहतर ढंग से चलाने और सभी विभागों में आपसी समन्वय के लिए अधिकारियों की सराहना की।