KCCB कर्मचारी यूनियन ने भविष्य में मिलने वाले बोनस से रिकवरी करने की उठाई मांग

Edited By kirti, Updated: 06 Nov, 2018 11:05 AM

demand recovery from bonus

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक कर्मचारी यूनियन की बैठक सोमवार को धर्मशाला में आयोजित की गई। बैठक में के.सी.सी.बी. कर्मचारी यूनियन ने नए गठित 3 सदस्यीय बोर्ड से स्टेट को-आप्रेटिव बैंक की तर्ज पर भविष्य में मिलने वाले बोनस से रिकवरी करने की मांग उठाई...

धर्मशाला : कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक कर्मचारी यूनियन की बैठक सोमवार को धर्मशाला में आयोजित की गई। बैठक में के.सी.सी.बी. कर्मचारी यूनियन ने नए गठित 3 सदस्यीय बोर्ड से स्टेट को-आप्रेटिव बैंक की तर्ज पर भविष्य में मिलने वाले बोनस से रिकवरी करने की मांग उठाई है। धर्मशाला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए के.सी.सी.बी. कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष शरत रल्हन ने बताया कि पिछले वर्ष ज्यादा दी गई बोनस राशि की जो रिकवरी जांच में सामने आई है उसे कर्मचारी ही देंगे लेकिन रिकवरी मासिक वेतन की बजाय भविष्य में दिए जाने वाले बोनस से ही की जाए।

उन्होंने बताया कि यूनियन प्रदेश सरकार द्वारा नया बोर्ड गठित किए जाने का स्वागत करती है और यूनियन बोर्ड के कदम से कदम मिलाकर बैंक के विकास में सहयोग करेगी। पुराने बोर्ड से टकराव को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बैंक घाटे की तरफ  जा रहा था। इसी कारण यूनियन का टकराव हुआ था। अध्यक्ष शरत रल्हन ने यह भी बताया कि बैंक एन.पी.ए. के 92 मामलों को सुलझाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि के .सी.सी. बैंक वर्तमान समय में आर.बी.आई. व नाबार्ड के सभी नियमों को पूरा कर रहा है और इसमें जमा उपभोक्ताओं का धन बिल्कुल सुरक्षित है। इस मौके पर के.सी.सी.बी. कर्मचारी यूनियन के महामंत्री नवनीत शर्मा व अन्य सदस्य मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बैंक घाटे में
अध्यक्ष शरत रल्हन ने बताया कि पूर्व अध्यक्ष ने वर्ष 2013 में जब अध्यक्ष पद संभाला तो उस दौरान बैंक का लाभांश 47 करोड़ रुपए था जबकि 18 अप्रैल, 2018 को पुराने बोर्ड की गलत नीतियों के कारण यह महज 4 करोड़ 55 लाख रुपए तक ही रह गया था। इससे साफ होता है कि पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल में बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बैंक घाटे में गया परंतु मौजूदा समय में डी.सी. कांगड़ा के पास अध्यक्ष जबकि ए.डी.सी. कांगड़ा के पास प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार होने के चलते बेहतर कार्य हुआ है और यह इसी का परिणाम है कि 6 माह में ही बैंक ने 30 करोड़ रुपए का लाभांश कमाया है।

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