परमवीर चक्र विजेताओं को हिमाचल सरकार देगी बड़ा तोहफा

Edited By Updated: 06 Jan, 2017 09:43 AM

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हिमाचल सरकार सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हिमाचल सरकार सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने उनकी वार्षिकी और वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों को मिलने वाले अनुदान दरों में एकमुश्त वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि परमवीर चक्र व अशोक चक्र विजेताओं को मिलने वाले अनुदान को एकमुश्त 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए, महावीर चक्र विजेताओं के लिए 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया गया है। इसी प्रकार इन वीरता पुरस्कार विजेताओं के लिए वार्षिकी की दरों को क्रमश: एक लाख 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए, एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख तथा एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक किया गया है। वीरभद्र सिंह वीरवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शौर्य पुरस्कार विजेताओं तथा सशस्त्र बलों, सेना, नौसेना और वायु सेना के विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्राप्त करने वाली अन्य श्रेणियों की वार्षिकी दरों में भी एक अप्रैल, 2016 से बढ़ौतरी की गई है।


8.90 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों के उन परिजनों, जो डिफैंस सिक्योरिटी कॉर्प्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं, को भी रक्षा कर्मी घोषित किया गया है तथा 4 जनवरी, 2016 से मख्यमंत्री सैनिक कल्याण कोष से अनुग्रह अनुदान राशि के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सैनिक विश्राम गृहों की मुरम्मत और रख-रखाव के लिए 2 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य में 1,10,202 पूर्व सैनिक, 1050 युद्ध विधवाएं और 33099 अन्य विधवाएं हैं। इनके अतिरिक्त बड़ी संख्या में अधिकारी व सैनिक देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर इन परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल, 2014 से युद्ध जागीर की राशि को 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति वर्ष किया गया है। धर्मशाला में युद्ध स्मारक संग्रहालय की स्थापना के लिए 8.90 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की गई है। वीरता पुरस्कार विजेताओं को राज्य के अंदर डीलक्स और पथ परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। 


वार्षिक आय सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपए की 
उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के सेवानिवृत्त सैनिकों को मिलने वाली वित्तीय सहायता को एक अप्रैल, 2015 से 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुग्रह अनुदान राशि में 25 मई, 2015 से संशोधन किया गया है। अब लाभार्भियों को युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को 5 लाख रुपए अनुग्रह राशि, युद्ध के दौरान 50 प्रतिशत या इससे अधिक विकलांगता होने पर 1.50 लाख रुपए, 50 प्रतिशत से कम विकलांगता पर 75 हजार रुपए तथा युद्ध के दौरान शहीद हुए अद्र्धसैनिक बलों के सैनिकों को 1.50 लाख रुपए जबकि शारीरिक विकलांगता पर 35 हजार रुपए प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। पूर्व सैनिकों अथवा उनकी विधवाओं, जिनकी आयु 60 वर्ष से ऊपर है और उन्हें किसी भी प्रकार की पैंशन नहीं मिल रही है, को वित्तीय सहायता (वृद्धावस्था पैंशन) प्रदान करने के लिए वार्षिक आय सीमा (मनरेगा की आय छोड़कर) 15 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपए प्रतिवर्ष की गई है।

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