दिल्ली HC के सख्त निर्देश, CU निर्माण पर सरकार 4 सप्ताह में दाखिल करवाए कार्रवाई रिपोर्ट

Edited By Ekta, Updated: 17 Aug, 2018 12:07 PM

delhi hc strict instruction

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट न दाखिल करवाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए उनको 4 व 3 सप्ताह का समय दिया है। दिल्ली न्यायालय के कोर्ट नम्बर 3 आइटम नम्बर 2 की...

ज्वालामुखी (जोशी): दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार द्वारा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट न दाखिल करवाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए उनको 4 व 3 सप्ताह का समय दिया है। दिल्ली न्यायालय के कोर्ट नम्बर 3 आइटम नम्बर 2 की डबल बैंच में माननीय न्यायाधीश संजीव खन्ना व न्यायाधीश चन्द्रशेखर की खंडपीठ ने सिविल याचिका नम्बर 2195/2015व 5086/2016 नरोत्तम नरेश वालिया बनाम भारत सरकार के मामले की सुनवाई के दौरान सी.यू. के निर्माण को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए हिमाचल सरकार को 21 फरवरी, 2018 को इसी कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के तहत कार्रवाई रिपोर्ट न दाखिल करने पर नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को 4 सप्ताह के भीतर एफिडेविट के रूप में कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के कड़े निर्देश दिए। वहीं न्यायालय ने केंद्र सरकार को भी उसके तुरंत बाद 3 सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है ताकि पिछले 8-10 सालों से अधर में लटके सी.यू. भवन निर्माण के कार्य को शुरू किया जा सके। न्यायालय में मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुर छिब्बर व वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शर्मा ने माननीय न्यायालय को बताया कि सी.यू. निर्माण को लेकर दोनों सरकारें अपनी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रही हैं। अत: निर्माण कार्य शुरू होने तक माननीय न्यायालय इस मामले की स्वयं निगरानी करे। अधिवक्ता अंकुर छिब्बर व अधिवक्ता विनोद शर्मा ने माननीय न्यायालय को बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 21 फरवरी, 2018 को कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने 17,27,53,077 रुपए की प्रतिपूरक राशि जमा करवाने की मंजूरी ले ली है जबकि धौलाधार कैंपस धर्मशाला की औपचारिकताएं अभी पूरी होना बाकी हैं।

केंद्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम जेटली ने न्यायालय को बताया कि जैसे ही हिमाचल सरकार कंकरीट प्रपोजल केंद्रीय वन मंत्रालय को सौंपती है तुरंत सारी औपचारिकताओं को फोरैस्ट कंजरवेटिव एक्ट 1980 के सैक्शन 3 के तहत पूरा किया जाएगा। माननीय न्यायालय ने आदेश दिया कि जैसे ही हिमाचल सरकार भवन निर्माण से सम्बंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कर केंद्र को भेजती है तो केंद्र सरकार उन्हें पूरा करने के लिए फोरैस्ट एडवाइजरी कमेटी को भेजे और अगर फोरैस्ट एडवाइजरी कमेटी का गठन नहीं हुआ है तो तुरंत इसका गठन किया जाए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के उपरांत माननीय न्यायाधीश संजीव खन्ना व न्यायाधीश चंद्रशेखर की खंडपीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि देहरा कैंपस को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी हो गईं हैं इसलिए धौलाधार कैंपस की औपचारिकताओं का इंतजार किए बिना देहरा में स्वतंत्र तौर पर निर्माण कार्य आरंभ किया जाए ताकि शिक्षा के मौलिक अधिकार से न्याय हो सके।

दिल्ली की खंडपीठ ने देहरा के विधायक होशियार सिंह व पवन शर्मा की जल्दी सुनवाई की प्रार्थना को भी स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने अगली सुनवाई के दौरान दोनों सरकारों को धर्मशाला कैंपस को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त, 2007 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की थी व 20 जनवरी, 2010 को सी.यू. के कुलपति ने अपना पदभार संभाल लिया था लेकिन अभी तक इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भवन का निर्माण नहीं हो पाया है। देहरा के विधायक होशियार सिंह ने कहा है कि देहरा में सी.यू. के जल्द निर्माण के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं व इसके लिए उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में जल्द सुनवाई के लिए याचिका भी दायर की थी जिसे माननीय न्यायालय ने मंजूर कर लिया है जिससे सी.यू. के जल्द निर्माण का रास्ता साफ हो सकेगा। 

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