हारे नेताओं को कुर्सी से सत्ता-संगठन में खलबली, हाईकमान का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

Edited By Ekta, Updated: 19 Oct, 2018 10:19 AM

defeated politician in the chair in the organization

विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कुर्बान करने वाले कई नेता अभी भी कुर्सी से दूर हैं। ऐसे कई नेताओं को निगम-बोर्ड में स्थान न मिलने से सत्ता एवं संगठन में खलबली मच गई है। इस स्थिति में कुर्सी के लिए जंग तेज हो गई है और कई नेता हाईकमान का दरवाजा खटखटाने...

शिमला (कुलदीप): विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कुर्बान करने वाले कई नेता अभी भी कुर्सी से दूर हैं। ऐसे कई नेताओं को निगम-बोर्ड में स्थान न मिलने से सत्ता एवं संगठन में खलबली मच गई है। इस स्थिति में कुर्सी के लिए जंग तेज हो गई है और कई नेता हाईकमान का दरवाजा खटखटाने की तैयारी भी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कुर्बान करने के साथ चुनाव प्रबंधन से जुड़े नेताओं को सरकार बनने की स्थिति में संगठन में भागीदार बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था। ऐसे नेताओं की फेहरिस्त लंबी है, जिन्होंने टिकट के लिए अपनी कुर्बानी दी। 

इसमें पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. राधारमण शास्त्री, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रिखी राम कौंडल, पूर्व मंत्री खिमी राम व रूप सिंह, पूर्व विधायक अनिल धीमान, बी.के. चौहान और गोविंद राम शर्मा शामिल हैं। इसी फेहरिस्त में प्रवीण शर्मा, एच.एन. कश्यप, संजय गुलेरिया, पंकज जम्वाल, महंत राम चौधरी, बिहारी लाल, उमेश दत्त, सुभाष शर्मा, नरेंद्र अत्री, ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह, कर्ण नंदा, विनोद महाजन, हृदय राम, शशि बाला, बृज लाल, संदीपनी भारद्वाज और शीला कुमारी के नाम भी आते हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि यदि विधानसभा चुनाव में हारे नेताओं को ही निगम-बोर्ड में स्थान दिया जाना है, तो उस स्थिति में प्रो. प्रेम कुमार धूमल को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता था। 

इसी तरह विधानसभा चुनाव हारे दिग्गज नेता सतपाल सिंह, गुलाब सिंह ठाकुर, रविंद्र सिंह रवि,महेश्वर सिंह और रणधीर शर्मा के अलावा इंदु गोस्वामी को अहम ओहदे पर बिठाया जाना चाहिए। नेताओं का यह भी कहना है कि यदि जब मंत्री न बनने पर नरेंद्र बरागटा और रमेश चंद धवाला को एडजस्ट किया जा सकता है तो सुखराम चौधरी, बिक्रम जरयाल और राकेश पठानिया जैसे नेता भी सत्ता में भागीदार बन सकते हैं। उधर, टिकट कुर्बान करने वाले नेताओं को सरकार में जगह न मिलने से उनके समर्थक भी मायूस हैं। ऐसे में यदि इस मसले का हल जल्द नहीं निकाला गया, तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। आगामी दिनों में यह मामला तूल पकड़ सकता है और इस स्थिति में संतुलन बनाए रखने के लिए निगम-बोर्ड में फिर तैनातियां की जा सकती हैं।

खाली पड़े हैं कई अहम पद
निगम-बोर्ड में अभी कई अहम पद खाली पड़े हैं। इसमें पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यटन विकास निगम और पर्यटन विकास बोर्ड सहित कई अन्य पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर कई नेताओं को एजडस्ट किया जा सकता है। इसी तरह उपसचेतक पद पर भी एक नेता को आगामी दिनों में नियुक्ति दी जा सकती है। 

लोकसभा चुनाव को लेकर भी हुई तैनाती
पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भी तैनातियां की गई हंै। यानि जिन जिलों से निगम-बोर्ड में नेताओं को तैनाती दी गई है, वहां से टिकट दिए जाने की संभावनाएं कम हैं। इस स्थिति में अब लोकसभा टिकट उन जिलों से दिया जा सकता है, जहां से निगम-बोर्ड में स्थान नहीं मिला है।

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