Edited By Vijay, Updated: 15 Jan, 2019 03:42 PM
राजधानी के 2 हजार से अधिक प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों को नगर निगम ने 31 मार्च तक लंबित संपत्ति कर का भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है। इन डिफाल्टरों को नगर निगम सैक्शन 124 के तहत प्रापर्टी अटैच करने को लेकर नोटिस जारी किए है। प्रशासन ने स्पष्ट किया...
शिमला (वंदना): राजधानी के 2 हजार से अधिक प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टरों को नगर निगम ने 31 मार्च तक लंबित संपत्ति कर का भुगतान करने का अल्टीमेटम दिया है। इन डिफाल्टरों को नगर निगम सैक्शन 124 के तहत प्रापर्टी अटैच करने को लेकर नोटिस जारी किए है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है यदि डिफाल्टर निर्धारित समय के भीतर टैक्स का भुगतान नहीं करेंगे तो नगर निगम इनकी संपत्ति अटैच कर देगा, ऐसे में डिफाल्टरों को नगर निगम ने फाइनल नोटिस जारी किए हैं। एम.सी को इनसे 5 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी शेष रह गई है। नगर निगम प्रशासन ने साफ कहा है कि इन डिफाल्टरों को 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया जा रहा है साथ ही बिल पर 1 प्रतिशत की ब्याज वसूली भी की जा रही है।
भुगतान न करने पर सार्वजनिक होंगे नाम
निगम प्रशासन का कहना है कि जो डिफाल्टर समय पर भुगतान नहीं करेंगे, उनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा। निगम डिफाल्टरों की लिस्ट निगम कार्यालय के नोटिस बोर्ड व समाचार पत्रों में प्रकाशित करेगा, ऐसे में समय पर लंबित संपत्ति कर का भुगतान करने का आदेश दिए गए हैं। निगम आयुक्त पंकज राय का कहना है कि डिफाल्टरों को नोटिस दिए गए हैं, साथ ही 31 मार्च से पहले भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं।
30 बड़े डिफाल्टर नोटिस देने के बाद भी जमा नहीं करवा रहे टैक्स
राजधानी के 30 बड़े डिफाल्टर ऐसे है जिनसे से करोड़ों रुपए निगम ने वसूल करने है लेकिन यह डिफाल्टर टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे है। इन डिफाल्टरों की सूचि में आई.एस.बी.टी से नगर निगम को 4 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है निगम का यह सबसे बड़ा डिफाल्टर है । वहीं शहर के सरकारी अस्पताल से भी निगम को टैक्स की वसूली करनी है। राजधानी के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल से नगर निगम को 44 लाख 71 हजार 780 रुपए के प्रापर्टी टैक्स की वसूली करनी है।
वर्ष 2012 के डिफाल्टरों से वसूल करने है 7 लाख
नगर निगम को 31 मार्च 2012 के संपत्ति कर डिफाल्टरों से रिकवरी करनी है इसके लिए भी डिफाल्टरों को नोटिस दिए गए हैं। 36 डिफाल्टरों से एम.सी. को 7 लाख रुपए की वसूली करनी है लेकिन नोटिस देने के बाद भी अब तक यह डिफाल्टर टैक्स जमा नहीं करवा पाए हैं। कोर्ट ने निगम को डिफाल्टरों से रिकवरी के आदेश दिए हैं।