भारत रत्न ‘अटल’ का हिमाचल से था गहरा नाता, प्रीणी से जुड़ीं हैं खास यादें

Edited By Vijay, Updated: 16 Aug, 2018 06:35 PM

deep relationship of bharat ratna atal was from himachal

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बेशक पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री थे लेकिन हिमाचल के लिए वे अभिभावक की तरह रहे। हिमाचल से उनका गहरा नाता था। वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे। यही वजह है कि सक्रिय राजनीतिक छोडऩे के बाद उन्होंने कुल्लू के प्रीणी को...

शिमला: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बेशक पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री थे लेकिन हिमाचल के लिए वे अभिभावक की तरह रहे। हिमाचल से उनका गहरा नाता था। वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे। यही वजह है कि सक्रिय राजनीतिक छोडऩे के बाद उन्होंने कुल्लू के प्रीणी को अपना घर बनाया। वह ज्यादातर समय यहीं पर ही रहना पसंद करते थे।
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यहां के सौंदर्य और बर्फ से लदी पहाडिय़ों पर उन्होंने कविताएं भी लिखी हैं। वह आखिरी बार वर्ष 2006 में प्रीणी आए थे। उसके बाद तबीयत खराब होने के बाद कभी प्रीणी नहीं आए पाए और अब भारत का रत्न ‘अटल’ कभी प्रीणी नहीं आएगा लेकिन उनसे जुड़ी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।
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बच्चों तुम्हारे ‘मामा’ की तो नौकरी चली गई
शाइनिंग इंडिया अभियान असफल होने के बाद जब वाजपेयी मनाली के प्रीणी स्थित अपने घर आए तो हमेशा की तरह स्कूली बच्चों से मिले। इस दौरान बच्चों ने कुछ मांगें उनके सामने रखीं। वाजपेयी ने 15 हजार रुपए ये कहते हुए दिए कि अभी इतने ही हैं, क्योंकि हाल ही तुम्हारे ‘मामा’ की नौकरी चली गई है।
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पसंदीदा जगह होने के कारण वाजपेयी का नाता मनाली से पहले से ही था लेकिन बेटी की शादी होने के बाद ये रिश्ता और प्रगाढ़ हुआ। उनके दामाद रंजन भट्टाचार्य हिमाचली हैं। इसकी वजह ये है कि रंजन के माता-पिता डाक्टर होने के कारण कई साल हिमाचल में रहे। उनके पास बोनाफाइड हिमाचली प्रमाणपत्र था। रंजन जिस होटल श्रृंखला में काम करते थे, उसका बड़ा होटल मनाली में है। इसी होटल के साथ प्रीणी वाला घर रंजन का है। यहीं वाजपेयी छुट्टियां मनाने आते थे।
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जब अटल ने कहा हिमाचल मेरा घर है
प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार कुल्लू आए वाजपेयी ने ढालपुर में हुई रैली में हिमाचल को 100 करोड़ की स्पेशल ग्रांट घोषित की। इसके बाद दूसरी रैली शिमला के रिज मैदान पर हुई तो यहां भी 100 करोड़ दे गए। खास बात यह भी है कि वाजपेयी जब तक प्रधानमंत्री रहे हिमाचल में कांग्रेस या भाजपा हर सरकार को उनका स्नेह मिला।
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जब वह 1999 में वाजपेयी पार्वती विद्युत परियोजना का शिलान्यास करने कुल्लू के मणिकर्ण आए तो उस समय धूमल मुख्यमंत्री थे और वह प्रधानमंत्री को रिसीव कर चंडीगढ़ से कुल्लू लाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से 400 करोड़ का पैकेज मांगा जिसे वह मंच से नहीं मांग पाए क्योंकि इससे पहले बिन मांगे ही प्रधानमंत्री 200 करोड़ दे चुके थे। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल मेरा घर है। इसके बाद प्रैस वार्ता मे उन्होंने 400 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।
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