HRTC सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर नहीं दे पाया ये लाभ, Highcourt ने लगाई लताड़

Edited By Vijay, Updated: 24 Jan, 2020 10:29 PM

decree of highcourt to hrtc

हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर सेवानिवृत्ति लाभ न अदा करने पर लताड़ लगाई है। अवकाश न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने एचआरटीसी के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रणजीत सिंह द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह...

शिमला (ब्यूरो): हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर सेवानिवृत्ति लाभ न अदा करने पर लताड़ लगाई है। अवकाश न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने एचआरटीसी के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रणजीत सिंह द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की कि निम्न स्तर से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रति एचआरटीसी का रवैया अपमानजनक और असंवेदनशील है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मुकद्दमेबाजी न तो कर्मचारी के लिए मुफ्त में मिलने वाला भोजन है और न ही नियोक्ता के लिए। एचआरटीसी समयबद्ध भुगतान करके अपने कर्मचारियों के  प्रति आभार व्यक्त करने की बजाय मुकद्दमेबाजी पर पैसा खर्च करने को तैयार है।

कोर्ट ने एचआरटीसी को निर्देश दिए कि वह सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इस तरह के सभी लंबित मामलों को शीघ्रातिशीघ्र निपटाए और सेवानिवृत्ति के 3 महीने के भीतर सभी की बकाया राशि का भुगतान करे। हालांकि न्यायालय ने स्पष्ट किया कि एचआरटीसी सेवानिवृत्त लाभों का भुगतान करने से पहले यह सुनिश्चित करे कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ  कोई अनुशासनात्मक जांच या अन्य मुद्दा लंबित न हो।

न्यायालय ये निर्देश भी दिए कि यदि इन आदेशों की पालना में चूक होती है तो उन सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिदिन 100 रुपए की दर से मुआवजे का भुगतान करना होगा, जो बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के इन मामलों को निपटाने में देर करते हैं और फाइलों पर कुंडली मार कर बैठे रहते हैं। इस क्षतिपूर्ति के अलावा एचआरटीसी को रिटायरमैंट के चौथे महीने के पहले दिन से 6 प्रतिशत प्रति वर्ष, (चक्रवृद्धि मासिक) की दर से तब तक ब्याज का भुगतान करना होगा जब तक कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के खाते में पूरी रकम को जमा नहीं किया जाता है।

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