Edited By Simpy Khanna, Updated: 30 Oct, 2019 09:46 AM
नगर निगम के करोड़ों रुपए के स्कै्रप बेचने के मामले पर कल गुरुवार को नगर निगम की मासिक बैठक में अहम फैसला हो सकता है। एम.सी. ने जल प्रबंधन कंपनी से रिपोर्ट तलब की है कंपनी की ओर से नगर निगम आयुक्त को रिपोर्ट दे दी गई है। आयुक्त इस माह होने वाले हाऊस...
शिमला (वंदना): नगर निगम के करोड़ों रुपए के स्कै्रप बेचने के मामले पर कल गुरुवार को नगर निगम की मासिक बैठक में अहम फैसला हो सकता है। एम.सी. ने जल प्रबंधन कंपनी से रिपोर्ट तलब की है कंपनी की ओर से नगर निगम आयुक्त को रिपोर्ट दे दी गई है। आयुक्त इस माह होने वाले हाऊस में कंपनी द्वारा मामले पर दी गई रिपोर्ट को सदन के समक्ष रखेंगे। इसके बाद ही कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी इस पर स्थिति साफ हो सकेगी।
वहीं नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट पहले ही इस मामले पर विजीलैंस जांच की मांग कर चुकी है। हालांकि कंपनी की रिपोर्ट हाऊस में पेश होने के बाद ही मामले पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम के पार्षद भी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठा चुके हैं। यहां बता दें कि जल प्रबंधन कंपनी बनने के बाद से नगर निगम एम.सी. जल व सीवरेज शाखा को कंपनी में मर्ज कर दिया गया है। इसके तहत लोहे के पानी के हजारों पुराने मीटर बेकार पड़े थे।
इसमें कुछेक पुराने पाइप सहित अन्य वस्तुएं थीं जो कबाड़ के तौर पर नगर निगम के स्टोर पर पड़ी थी लेकिन कंपनी के बनने के बाद से कंपनी ने गुपचुप तरीके से करोड़ों रुपए का कबाड़ बिना नगर निगम की इत्तला किए बगैर ही बेच दिया जिस पर नगर निगम प्रशासन ने सवाल खड़े किए थे साथ ही पार्षदों ने सवाल उठाया था कि कंपनी कैसे नगर निगम की संम्पत्ति को बेच सकती है इस पर पार्षदों ने जांच की मांग उठाई है, ऐसे में निगम आयुक्त ने मामले पर कंपनी से रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए हैं, जिसे इस माह हाऊस के समक्ष रखा जाएगा।
गोलमाल होने का जताया जा रहा अंदेशा
नगर निगम के करोड़ों रुपए का कबाड़ बेचने के पीछे किसी बड़े गोलमाल का अंदेशा भी जताया जा रहा है। पार्षदों ने आरोप लगाए हैं कि किसी अधिकारी की शह पर ही कबाड़ बेचा गया है, ऐसे में इसमें करोड़ों रुपए का गोलमाल की आशंका भी जताई जा रही है पार्षद ऐसे में विजीलैंस जांच की मांग कर रहे हैं, ताकि मामले पर स्थिति स्पष्ट हो सके।