Money Laundering Case : कोर्ट में पेश हुए वीरभद्र और प्रतिभा, 7 लोगों पर आरोप तय

Edited By Vijay, Updated: 22 Feb, 2019 05:21 PM

decide on charges on 7 people including virbhadra and pratibha

आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। शुक्रवार को वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में पेश हुए जहां पर वीरभद्र व उनकी पत्नी समेत 7 लोगों पर आरोप तय...

नई दिल्ली/शिमला: आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। शुक्रवार को वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में पेश हुए जहां पर वीरभद्र व उनकी पत्नी समेत 7 लोगों पर आरोप तय किए गए हैं।

यह है मामला

वीरभद्र सिंह पर आरोप लगा कि 2009 से 2012 तक केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए उन्होंने 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति आय से अधिक अर्जित की। इसी संपत्ति में से वीरभद्र सिंह ने करीब 5 करोड़ की रकम एल.आई.सी. में निवेश की। इस आरोप के बाद उन्हें मंत्री पद छोडऩा पड़ा और राज्य की राजनीति में वापस आए और 2012 में शिमला ग्रामीण से चुनाव जीतकर विधायक व मुख्यमंत्री बने। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ सी.बी.आई. ने फिर से जांच शुरू की और उनके शिमला स्थित 11 ठिकानों पर 26 अक्तूबर, 2015 में छापेमारी की। इससे पहले 23 अक्तूबर को सी.बी.आई. ने इसी मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की थी।

दिसम्बर, 2015 में दर्ज हुआ था मनी लॉन्ड्रिंग का केस

दिसम्बर, 2015 में वीरभद्र सिंह हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचे और आग्रह किया कि सी.बी.आई. उन्हें गिरफ्तार न करे। इसके बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ ई.डी. ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसम्बर, 2015 में ये मामला सुप्रीम कोर्ट गया और एस.सी. ने इस मामले को हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट शिफ्ट कर दिया। उसके बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में चल रहा है।

जुलाई, 2016 में गिरफ्तार हुआ था एल.आई.सी. एजैंट आनंद चौहान

जुलाई, 2016 में ई.डी. ने एल.आई.सी. एजैंट आनंद चौहान को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया। काफी समय जेल में रहने के बाद अब आनंद चौहान जमानत पर हैं। इससे पहले 10 दिसम्बर, 2018 को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे। 19 सितम्बर को कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी। पिछले 20 अगस्त को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। ई.डी. ने 21 जुलाई, 2018 को सभी आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें विक्रमादित्य को भी आरोपी बनाया गया था।

22 मार्च, 2018 को 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर दी थी जमानत

इसके पहले 22 मार्च, 2018 को कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत सभी आरोपियों को 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। इस मामले में वीरभद्र सिंह के एल.आई.सी. एजैंट आनंद चौहान को 2 जनवरी, 2018 को कोर्ट ने जमानत दी थी। कोर्ट ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने से हमेशा के लिए छूट दे दी थी। कोर्ट ने दोनों को निर्देश दिया था कि वे आरोप तय होने के बाद कोर्ट में पेश हों।

आय की संशोधित रिपोर्ट पेश करने के बाद घिरते गए वीरभद्र

दरअसल वीरभद्र सिंह ने 2009 के बाद अपनी आय की संशोधित रिपोर्ट पेश की थी। उसी के बाद से वीरभद्र सिंह विभिन्न मामलों में घिरते गए। इस्पात मंत्री रहते हुए उनके खिलाफ कुछ कंपनियों से रिश्वत लेने के आरोप लगे। जांच में सामने आया कि उन्होंने 6.3 करोड़ की संपत्ति आय से अधिक अर्जित की है। इसी में से 5 करोड़ रुपए उन्होंने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम से एल.आई.सी. में निवेश किए।

सी.बी.आई. का दावा, आय के तथ्य मेल नहीं खाते

सी.बी.आई. का दावा है कि वीरभद्र सिंह ने आय से अर्जित धन को खेतीबाड़ी से हुई इनकम के तौर पर दिखाया है लेकिन आय के तथ्य इससे मेल नहीं खाते। इसी धन को वैध दिखाने के लिए वीरभद्र ने आयकर रिटर्न को संशोधित किया था, जिसके बाद वह लगातार कानूनी मामलों में घिरते चले गए।

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