Edited By kirti, Updated: 06 Sep, 2018 03:44 PM
मंडी जिला के गोहर उपमंडल के तहत आने वाले दसोट गांव में एक दलित को सवर्ण जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए पीट डाला क्योंकि उसने देव प्रतिमा को छूकर आशीवार्द लेना चाहा। घटना बीती 3 सितंबर की है। नांडी गांव का जालपू राम अपनी बेटी के घर से वापिस लौटकर अपनी...
मंडी(नीरज):मंडी जिला के गोहर उपमंडल के तहत आने वाले दसोट गांव में एक दलित को सवर्ण जाति के लोगों ने सिर्फ इसलिए पीट डाला क्योंकि उसने देव प्रतिमा को छूकर आशीवार्द लेना चाहा। घटना बीती 3 सितंबर की है। नांडी गांव का जालपू राम अपनी बेटी के घर से वापिस लौटकर अपनी बहन के घर जा रहा था। रास्ते में दसोट गांव के पास गूगा देवता को स्वर्ण जाति के व्यक्ति के आंगन में रखा हुआ था। जालपू राम ने देवता की प्रतिमा को छूकर आशीवार्द लेना चाहा। ऐसे में जिस व्यक्ति के घर के आंगन में देव प्रतिमा को रखा था, उसने और अन्य लोगों ने जालपू राम की पीटाई शुरू कर दी। जालपू राम ने बताया कि उसे जातिगत शब्द कहे गए और देवता का पवित्र करने की एवज में बकरा की मांग की गई। जालपू राम के अनुसार बकरा नहीं देने की एवज में उसे तक काटने की बातें कही गई। लेकिन अंत में असहाय जालपू राम को पीटने के बाद उसे उसकी बहन के घर तक छोड़ भी आए। बताया जा रहा है कि वह शराब के नशे में था और उसी दौरान ही यह सारा वाक्या भी घटा है।
वह मारपीट की घटना को लेकर गोहर थाना पुलिस ने मामला तो दर्ज कर दिया लेकिन जाति आधार पर हुई छुआछूत को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। ऐसे में जब यह मामला राईट एनजीओ के ध्यान में आया तो एनजीओ के सदस्य पीड़ित और उसके परिजनों सहित डीएसपी हैडक्वार्टर हितेश लखनपाल से मिले और उन्हें पूरी बात बताई। डीएसपी हितेश लखनपाल ने बताया कि उन्होंने एससी एट्रोसिटी एक्ट के तहत अलग से एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। मंडी जिला के कई ऐसे ग्रामीण इलाके ऐसे हैं जहां आज भी छुआछूत का दौर जारी है। कहीं देव समाज के नाम पर छुआछूत की जाती है तो कहीं दलितों को नीच होने का आभास करवाया जाता है। कहा जा सकता है कि लोगों के दिमाग से अभी भी जाति का भूत उतरा नहीं है।