दलित वोटरों ने आयोग को भेजा ज्ञापन, कहा- आजादी के बाद भी एक बार आरक्षित नहीं हुआ सराज

Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Sep, 2017 03:49 PM

dalit voters sent memorandum to commission

विधानसभा चुनावों के दौरान आरक्षण का मुद्दा भी गर्माता हुआ नजर आ रहा है।

मंडी(नीरज शर्मा) : विधानसभा चुनावों के दौरान आरक्षण का मुद्दा भी गर्माता हुआ नजर आ रहा है। प्रदेश में बहुत से ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जो आज दिन तक एससी/एसटी के लिए आरक्षित ही नहीं हुए हैं और इन्हीं में से एक है सराज विधानसभा क्षेत्र। दरअसल, पहले इस विधानसभा क्षेत्र का नाम चच्योट था लेकिन वर्ष 2012 को डिलिमिटेशन के कारण इसे सराज का नाम दिया गया। इस विधानसभा क्षेत्र पर शुरू से ही ठाकुरों का अधिक वर्चस्व रहा है। सिर्फ एक बार पंडित प्रत्याशी को जीत मिली थी जबकि एससी/एसटी के प्रत्याशी तो कभी यहां नजर भी नहीं आए।
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चुनाव आयोग से किया विचार
यही कारण है कि सराज विधानसभा क्षेत्र में एससी और एसटी समुदायों से जुड़े लोगों ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर इस विधानसभा क्षेत्र का एससी या फिर एसटी के आरक्षित करने की मांग उठाई है। लोगों का कहना है कि सराज विधानसभा क्षेत्र में एससी/एसटी का करीब 33 प्रतिशत वोट है और आजादी के बाद एक बार भी इस विधानसभा क्षेत्र को आरक्षित नहीं किया गया है। इन्होंने चुनाव आयोग से इसपर विचार करते हुए इस विधानसभा क्षेत्र को एससी/एसटी के लिए आरक्षित करने की मांग उठाई है।

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