Edited By Ekta, Updated: 23 Nov, 2018 03:27 PM
सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती लुप्त होती जा रही है। यहां अधिकतर किसान अपना गुजारा-बसर अदरक की खेती से करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से अदरक के दाम कम होने से किसानों ने इसका कार्य छोड़ दिया है। गांव में इक्का-दुक्का परिवार ही आजकल अदरक...
सिरमौर (रोबिन): सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्रों में अदरक की खेती लुप्त होती जा रही है। यहां अधिकतर किसान अपना गुजारा-बसर अदरक की खेती से करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से अदरक के दाम कम होने से किसानों ने इसका कार्य छोड़ दिया है। गांव में इक्का-दुक्का परिवार ही आजकल अदरक की खेती कर रहे हैंं।
पहाड़ी क्षेत्र के किसान क्यों परेशान
गरीब किसानों की खेती धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। जहां एक ओर अदरक के ऊंचे दाम मिल रहे हैं उसके बावजूद भी उत्पादन कम होने से क्षेत्रों के किसान मायूस हैं। जिला सिरमौर के किसानों का मानना है कि जिस प्रकार अन्य फसलों पर लगने वाले रोगों की वैज्ञानिक विधि से रोक की जाती है। इसी तरह अदरक के लिए भी कोई विधि बने। ब्लॉक पांवटा साहिब में 237 हेक्टेयर में अदरक की खेती की जाती है लेकिन अदरक में सड़न रोग लगने से उत्पादन 50 प्रतिशत से कम हो रहा है। जिले के पांवटा व गिरिपार क्षेत्र के कई पंचायतों के लोगों ने अदरक की खेती बंद कर दी है। ग्रामीण का कहना है कि अदरक को उत्पादि बंदर एवं जगंली जानवरों से जहां बचाना मुशिकल हो रहा है। वहीं अदरक में सड़न रोग से ग्रस्त किसानो ने अदरक की खेती करना बहुत कम कर दिया है। इससे किसानों को पहले जैसा लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि इस समय अदरक के दाम अच्छे मिल रहे हैं। जिले से अदरक को बाहरी राज्यों हरियाणा पंजाब, विकास नगर, उत्तराखंड की मंडियों में बेचा जा रहा है।
जानिए पहाड़ी क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने क्या कहा
गांव के बुद्धिजीवियों ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र के लोग अदरक की फसल पर ही अपना गुजारा करते थे। पहाड़ी क्षेत्रों मे रहने वाला हर किसान कोयतल अदरक का उत्पादन करता था लेकिन आज के समय में अदरक की खेती पहाड़ी क्षेत्र में कम हो गई है, अगर सरकार इस पर गंभीरता से कोई कार्य करें तो शायद यहां के लोग दोबारा से अदरक की खेती शुरू कर देंगे। उधर प्रधान वैज्ञानिक पौधा रोग कृषि अनुसंधान धोलकुवा के डॉक्टर अखिलेश सिंह ने बताया कि किसानों को अदरक के बीज का चुनाव सही से नहीं कर पाते जिससे उनके बीज खराब होते हैं यदि किसान बीज का चुनाव इस विधि से करेंगे तो बीज नहीं सड़ेगा। साथ ही फसल अच्छी होगी।