Edited By kirti, Updated: 30 Nov, 2018 11:36 AM
चीन में पाया जाने वाला एक पौधा अब देश में सफलतापूर्वक तैयार किया जा रहा है। यह पौधा इसलिए खास है क्योंकि इसके फल से मिठास का एक बढ़िया विकल्प तैयार किया जाता है जोकि खासकर शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है। चीन में पैदा होने वाले मोंक फ्रूट...
पालमपुर(संजीव): चीन में पाया जाने वाला एक पौधा अब देश में सफलतापूर्वक तैयार किया जा रहा है। यह पौधा इसलिए खास है क्योंकि इसके फल से मिठास का एक बढ़िया विकल्प तैयार किया जाता है जोकि खासकर शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक माना जाता है। चीन में पैदा होने वाले मोंक फ्रूट के पौधे को देश में पहली बार उगाने का काम किया है। पालमपुर में सीएसआईआर और एनबीपीजीआर द्वारा मंजूरी मिलने के बाद पौधे को बड़े स्तर पर तैयार किया जा रहा है।
चीनी के मुकाबले करीब 300 गुना अधिक मीठा
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर ने मधुमेह के रोगियों के लिए स्टीविया के रुप में मीठे का विकल्प तैयार किया था। जिसके परिणाम प्रोत्साहजनक रहे और स्टीविया बेहद पसंद किया जाता है। अब सीएसआईआर ने मोंक फ्रूट को सफलतापूर्वक उगाने के बाद इसके फल से मिलने वाले मोगरोसाइड तत्व से मिठास का नया विकल्प तैयार किया है। जोकि चीनी के मुकाबले करीब 300 गुना अधिक मीठा होता है। वहीं जानकारों के अनुसार जहां स्टीविया में थोड़ी कड़वाहट होती है मोंक फ्रूट का स्वाद अधिक मिठास भरा होता है। जोकि काफी मात्रा में एमिनो एसिड, फ्रक्टोज, खनिज और विटामिन शामिल हैं। पेय पदार्थ, पके हुए या बेक्ड भोजन में प्रयोग किए जाने के बावजूद इसकी मिठास कायम रहती है। बताया जा रहा है कि इस पौधे के जरिए किसानों के पास आय का दूसरा साधन होगा ये मोंक फ्रूट और उन्हें उम्मीद है कि जो किसानो की आय प्रति हैक्टर 40 हजार रूपए होती है इस फसल से वह आय डेढ़ लाख रूपये प्रति हैक्टर हो जाएगी ।