Edited By Ekta, Updated: 28 May, 2018 02:32 PM
गर्मी का मौसम है और पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। गर्मी की शुरुआत में ही नदी-नालों के सूखने के कारण इस वर्ष पेयजल व निस्तारी की समस्या से ग्रामीण जुझने लगे हैं। हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के अधिकांश इलाकों में पेयजल आपूर्ति ठप्प होने से लोग अब...
बड़सर: गर्मी का मौसम है और पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। गर्मी की शुरुआत में ही नदी-नालों के सूखने के कारण इस वर्ष पेयजल व निस्तारी की समस्या से ग्रामीण जुझने लगे हैं। हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के अधिकांश इलाकों में पेयजल आपूर्ति ठप्प होने से लोग अब दुकानों से मिनरल वाटर खरीदकर पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसके कई कस्बों में पेयजल की उपलब्धता न होने से ऐसी नौबत आ गई है कि कई बार लोगों को मार्कीट से 20 रुपए की बोतल खरीदकर पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भीषण गर्मी के चलते यहां के दर्जनों गांवों में पेयजल के लिए हाहाकार मची हुई है। पानी की इस जबरदस्त किल्लत के कारण इसकी नियमित आपूर्ति न होने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में अचानक मिनरल वाटर की डिमांड क्षेत्र में बढ़ गई है।
शहरी कस्बों में तो मिनरल वाटर की खपत होना स्वाभाविक है लेकिन गांवों के परिवेश में भी बोतल बंद पानी की खपत अचानक बढ़ जाना हैरान करने वाला विषय है। आई.पी.एच. विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की पेयजल योजनाएं धरातल पर नाकाम साबित हो रही हैं। विभाग हर बार की तरह पेयजल योजनाओं में पानी की कमी होने का बहाना बनाकर इस समस्या से पल्ला झाड़ रहा है। क्षेत्र की 99 गांव उठाऊ पेयजल दियोटसिद्ध, टिप्पर-अंबेहड़ी, सठवीं, महारल-सठवीं-दख्योड़ा व बणी-बड़सर-गारली आदि पेयजल योजनाओं में पानी की आपूर्ति नियमित नहीं हो रही है। इस संदर्भ में सहायक अभियंता बड़सर सुशील कुमार का कहना है कि पेयजल योजनाओं में पानी की कमी के कारण पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो रही है। पानी की सप्लाई नियमित हो, इसके लिए विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है।