बारिश न होने से 2 सप्ताह पहले ही पक गई फसल

Edited By prashant sharma, Updated: 12 Apr, 2021 11:01 AM

crop ripened 2 weeks before no rain

मौसम की बेरुखी ने इस बार मानो फसल चक्र ही प्रभावित कर दिया है। बारिश न होने के चलते इस बार गेहूं की फसल समय से पहले ही पक गई है। हालांकि फसल जल्दी तैयार होने का कारण बारिश न होने तो माना जा रहा है

धर्मशाला (कर्मपाल) : मौसम की बेरुखी ने इस बार मानो फसल चक्र ही प्रभावित कर दिया है। बारिश न होने के चलते इस बार गेहूं की फसल समय से पहले ही पक गई है। हालांकि फसल जल्दी तैयार होने का कारण बारिश न होने तो माना जा रहा है लेकिन हाईब्रीड बीज भी इसका कारण हो सकता है। लोगों को अभी तक हाईब्रीड बीज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि उससे कब तक फसल तैयार होती है। फिलवक्त कई जगहों पर लोगों ने फसल की कटाई का काम शुरू कर दिया है, तो वहीं कई जगहों पर फसल अभी भी बिल्कुल हरी है, जिसे पूरी तरह तैयार होने में काफी दिन लगेंगे।

कांगड़ा के आसपास के क्षेत्रों में अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में ही गेहूं की फसल की कटाई का कार्य शुरू होता था लेकिन इस बार बारिश न होने के चलते लगभग 2 सप्ताह पहले भी फसल तैयार हो गई है। कांगड़ा के समीपवर्ती इलाकों व चंगर क्षेत्र में जहां सिंचाई नहीं हो पाई वहां की फसल सूख कर पक गई है। ऐसे में वहां के लोग फसल की कटाई में जुट गए हैं। वहीं जिन क्षेत्रों में सिंचाई आदि की सुविधा है वहां की फसलें अभी हरी हैं और इस माह के अंत तक ही उनके तैयार होने की उम्मीद है। बता दें कि खुष्क मौसम ने इस बार हर फसल को प्रभावित किया है। बुरांश के फूल जोकि मार्च माह के अंत में खिलते थे लेकिन इस बार फरवरी के अंत व मार्च माह के शुरू में ही बुरांश के फूल तैयार हो गए थे। 

आधी रह गई गेहूं की लम्बाई

चंगर क्षेत्र में बारिश की सिंचाई का एकमात्र साधन है। इन क्षेत्रों में फसलों का उत्पादन पूरी तरह से बारिश पर निर्भर रहता है, लेकिन इस बार यहां के किसानों से मौसम ने मुंह मोड़े रखा। बारिश नहीं हुई तो गेहूं की फसल भी प्रभावित हुई है। इस बार लगभग डेढ़ फुट तक ही गेहूं की लम्बाई हो सकी है। साथ ही गेहूं का सिल्ला भी फुल साइज नहीं पकड़ पाया। इससे फसल के उत्पादन में गिरावट रहना तो स्वभाविक ही है लेकिन गेहूं की थ्रेसिंग से मिलने वाले भूसे में भी कमी रहने से यहां के लोगों को पशुओं के लिए चारे की भी चिंता सताने लगी है। वहीं सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी बारिश न होने के कारण फसल की लम्बाई अपेक्षाकृत कम ही रही है

अब आसमान पर छा रहे बादल बढ़ा रहे चिंता

जब गेहूं की फसल को सिंचाई की जरूरत थी तो उस समय बारिश नहीं हुई। अब जब कई जगहों पर जहां फसल पककर तैयार है और लोगों ने उसे काटना शुरू कर दिया है तो आसमान पर छा रहे बादल उनके लिए चिंता बन गए हैं। काटी हुई फसल को इकट्ठा करके सुरक्षित जगह रखना लोगों के लिए परेशानी बन रहा है, क्योंकि अभी तक थ्रेसिंग के लिए ट्रैक्टर नहीं मिल रहे हैं। साथ ही आधी फसल अभी भी पकी नहीं है और उसके पकने का भी इंतजार किया जा रहा है।

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