नशेड़ियों की तबाह जिंदगी बयां कर रही खौफनाक तस्वीर

Edited By kirti, Updated: 09 Dec, 2018 12:01 PM

crashing picture of the lives of junkies

किसी समाज में दर्द, मुश्किलों व गरीबी को आंकड़े बयां करते हैं। आंकड़े एक ऐसी सूची है, जिसके आधार पर सुधार के लिए रूपरेखाएं बनती हैं और योजनाएं बनती हैं। यदि आंकड़ों की तस्वीर में नशे का सेवन करने वालों की संख्या से संबंधित ग्राफ काफी ऊपर उठ जाए तो...

कुल्लू : किसी समाज में दर्द, मुश्किलों व गरीबी को आंकड़े बयां करते हैं। आंकड़े एक ऐसी सूची है, जिसके आधार पर सुधार के लिए रूपरेखाएं बनती हैं और योजनाएं बनती हैं। यदि आंकड़ों की तस्वीर में नशे का सेवन करने वालों की संख्या से संबंधित ग्राफ काफी ऊपर उठ जाए तो यह चिंता का विषय ही होगा। कुल्लू में भी नशेडिय़ों की संख्या से जुड़ा ग्राफ उठता ही जा रहा है और ऐसे में इसमें सुधार के लिए धरातल पर युद्ध स्तर पर कार्य करने की जरूरत महसूस हो रही है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डी-एडीक्शन सैंटर में आने वाले नशेड़ियों की संख्या पर नजर दौड़ाई जाए तो इस वर्ष अब तक 1020 से ज्यादा नशेड़ी सैंटर में आए हैं। इनमें से कई अल्कोहलिक भी शामिल हैं। अत्यधिक चरस, हैरोइन, स्मैक, कोकीन व ब्राऊन शूगर सहित अन्य नशों का सेवन करने वाले नशेड़ी भी सैंटर में आए हैं। लोक-लाज के भय से उपचार से दूरी कई नशेड़ी अब भी ऐसे हैं, जो अभी तक उपचार के लिए आगे नहीं आए हैं। उनके परिजन और रिश्तेदार भी उनके उपचार से पीछे हट रहे हैं। कई परिजन ऐसे हैं, जो लोक-लाज के चलते अपने नशेड़ी बच्चों को उपचार के लिए नहीं ला रहे हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि अपने लाडले को कैसे नशेड़ी के रूप में इलाज के लिए ले जाएं।

युवा और किशोर भी नशेड़ी

डी-एडिक्शन सैंटर में उपचार के लिए लाए जा रहे नशेडिय़ों में 25 या 27 साल तक के युवा हैं। कई किशोर भी हैं, जिन्हें इलाज के लिए लाया जा रहा है। लड़कियां भी इस लत में पीछे नहीं हैं। इन दिनों ज्यादातर नशेड़ी ऐसे हैं, जो हैरोइन के आदी पाए जा रहे हैं।

इंजैक्शन से नसें गायब हुईं

नशा करने के तरीके अलग-अलग हैं। कई नशेड़ी सूंघकर, कई खाकर या पीकर, कई धुएं के रूप में नशा ले रहे हैं। इंजैक्शन से नशा लेने वालों की भी कमी नहीं है। इंजैक्शन से नशा लेने वाले खुद ही अपने शरीर में इंजैक्ट करके नशा ले रहे हैं। सीरिंज में नशा भरकर उसे अपने शरीर की किसी नस में इंजैक्ट करते हैं और सुध-बुध खो बैठते हैं। इन दिनों हैरोइन को इंजैक्ट करके लेने वाले नशेड़ी बड़ी तादाद में हैं। चिकित्सक बताते हैं कि शरीर में एक बार हैरोइन से भरा इंजैक्शन जिस नस में लगा दिया, उस जगह से नस गायब सी हो जाती है। अगला इंजैक्शन लगाने के लिए शरीर के किसी अन्य हिस्से में नस ढूंढनी पड़ती है। कई नशेड़ी ऐसे हैं, जिनके शरीर में अब बुखार आने पर भी इंजैक्शन लगाने के लिए नस बड़ी मुश्किल से ढूंढनी पड़ रही है।
 

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