कृषि कार्यों में दुर्घटना प्रभावितों को मिलेगा डेढ़ लाख तक का मुआवजा

Edited By kirti, Updated: 31 Dec, 2018 03:21 PM

crash affected people get compensation up to 1 5 lakh

आधुनिक युग में खेती की विधि में भी कई परिवर्तन आए हैं और किसान परंपरागत खेतीबाड़ी को छोड़कर अत्याधुनिक उपकरणों से खेती को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में कृषि में मशीनरी व उपकरणों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। कृषि मशीनरी के प्रयोग के दौरान किसानों और...

मंडी: आधुनिक युग में खेती की विधि में भी कई परिवर्तन आए हैं और किसान परंपरागत खेतीबाड़ी को छोड़कर अत्याधुनिक उपकरणों से खेती को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में कृषि में मशीनरी व उपकरणों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। कृषि मशीनरी के प्रयोग के दौरान किसानों और खेतिहर मजदूरों के घायल होने अथवा दुर्घटनावश उनकी मृत्यु होने की सूरत में बीमा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना प्रारंभ की है। प्रदेश सरकार द्वारा एक ओर कृषि विकास के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं, वहीं कृषक वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके कल्याण के लिए भी बेहतर प्रबंध किए हैं।

आंशिक स्थायी दिव्यांग होने पर मिलेगा 50 हजार

इस योजना के अंतर्गत कृषि कार्यों के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु अथवा स्थायी रूप से दिव्यांग होने पर मुआवजे के रूप में डेढ़ लाख रुपए तथा आंशिक स्थायी दिव्यांग होने पर प्रभावित को 50 हजार रुपए तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त स्थायी रूप से रीढ़ की हड्डी टूटने पर 50 हजार रुपए, दोनों बाजू या दोनों टांगों अथवा एक बाजू व एक टांग के पूर्ण रूप से कटने पर 40 हजार रुपए, एक बाजू या टांग अथवा 4 अंगुलियां कट जाने पर 30 हजार रुपए, 1 से 3 अंगुलियां पूर्ण रूप से कटने पर 20 हजार रुपए तथा आंशिक रूप से अंगुली या अंगूठा कटने पर 10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है।

किसी भी कंपनी या ठेकेदार के कर्मचारी इसमें शामिल नहीं

इस योजना में उन किसानों और खेतिहर मजदूरों को मुआवजा प्रदान करने का प्रावधान है, जिनकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो और जो कृषि मशीनरी, औजार व उपकरण आदि द्वारा खेत में प्रयोग के दौरान अथवा कृषि मशीनरी को घर से खेत या खेत से घर लाते, ले जाते हुए किसी दुर्घटना में घायल हुए हो अथवा मृत्यु हो जाए, वहीं जिनकी मृत्यु अथवा दिव्यांगता नलकूप, बोरवैल, पंपिंग सैट व लघु लिफ्ट इत्यादि को स्थापित या संचालित करते समय हुई हो, किसी भी ऊर्जा संचालित मशीनरी को उपयोग, स्थापित या ढुलाई करते समय लगने वाले बिजली के करंट से होने वाली किसानों व खेतिहर मजदूरों की मृत्यु अथवा दिव्यांगता को भी इस योजना में शामिल किया गया है। केवल स्थानीय किसान तथा खेतिहर मजदूर ही इस योजना में आते हैं और किसी भी कंपनी अथवा ठेकेदार के कार्यकर्ता या कर्मचारी को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

ऐसे करें आवेदन

मृतक के कानूनी वारिस या दुर्घटनाग्रस्त को दुर्घटना की तिथि से 2 माह के भीतर संबंधित खंड (ब्लाक) के विषय विशेषज्ञ को दावे के लिए आवेदन जमा करवाना होगा। हालांकि वास्तविक कारणों के आधार पर 6 महीने तक कृषि निदेशक को और 12 महीने तक सचिव (कृषि) को देरी से आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। दावे की राशि सभी तरह से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर वितरित कर दी जाएगी।

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