Edited By Vijay, Updated: 19 Dec, 2019 06:54 PM
लैफ्ट पार्टियों के अखिल भारतीय आह्वान के तहत सरकाघाट में सीपीआई (एम) ने नागरिकता संशोधन कानून व नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को छात्र संगठन एसएफआई ने भी अपना समर्थन दिया।
सरकाघाट/सुंदरनगर (नितेश सैनी): लैफ्ट पार्टियों के अखिल भारतीय आह्वान के तहत सरकाघाट में सीपीआई (एम) ने नागरिकता संशोधन कानून व नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को छात्र संगठन एसएफआई ने भी अपना समर्थन दिया। माकपा नेता भूपेंद्र सिंह व मुनीष शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार का यह नागरिकता कानून विभाजनकारी व साम्प्रदायिक है, जिससे देश में अशांति फैल गई है और यह कानून देश के संविधान के खिलाफ है।
समानता के अधिकार के खिलाफ है कानून
उन्होंने कहा कि यह कानून समानता के अधिकार के खिलाफ भी है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है व नागरिकता धर्म के आधार पर निर्धारित नहीं हो सकती। इस कानून के तहत पाकिस्तान, बंगलादेश व अफगानिस्तान में धर्म के आधार प्रताडि़त अल्पसंख्यक भारतीय नागरिकता तो ले सकते हैं लेकिन भारत में रह रहे लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाए तो उनसे नागरिकता छीन ली जाएगी। इस कानून से मोदी सरकार मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना चाहती है।
आरएसएस के इशारों पर मनुवादी एजैंडा थोपने का प्रयास
उन्होंने कहा कि आरएसएस के इशारों पर मनुवादी एजैंडा थोपने का प्रयास है जिसके खिलाफ देश की जनता सड़कों पर है। वहीं एसएफआई सरकाघाट इकाई सचिव प्रवीण कमल ने कहा कि एस एफ आई के राष्ट्रीय आह्वान के तहत इस कानून का विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अच्छे दिन लाने में विफल रही है और जनता का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण कर रही है ताकि उसकी सत्ता बनी रहे।
मोदी सरकार अम्बानी व अडानी जैसे पूंजीपतियों को बेच रही देश के संसाधन
उन्होंने कहा कि असल में मोदी सरकार देश के संसाधनों को अम्बानी व अडानी जैसे पूंजीपतियों को बेच रही है और अपने खिलाफ उठे विरोध प्रदर्शनों को बलपूर्वक दबा रही है। इस प्रदर्शन में मान सिंह, दिनेश काकू, प्रोमिला, राजीव, ऋत्विक, वरुण, अजय, संतोष, नरेंद्र, विकास, रांतज राणा, मोहन लाल, शैलजा,वंदना, विकास व प्रदुम्न आदि ने भाग लिया।