Edited By Vijay, Updated: 24 Jul, 2018 09:47 PM
नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के आरोपी सौतेले पिता पर दोष सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश धर्मशाला पुरेंद्र वैद्य की अदालत ने 10 वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
धर्मशाला: नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के आरोपी सौतेले पिता पर दोष सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश धर्मशाला पुरेंद्र वैद्य की अदालत ने 10 वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। इसके अलावा पीड़ित नाबालिग को राहत राशि के तौर पर 50 हजार रुपए भी दिए जाएंगे। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा एवं उप जिला न्यायवादी एल.एम. शर्मा ने बताया कि ज्वालामुखी पुलिस थाना में 24 फ रवरी, 2015 को एक नाबालिग लड़की के बयान पर उसके सौतेले पिता पर मामला दर्ज हुआ था।
पिता की मौत के बाद मां के साथ आई थी हिमाचल
पीड़िता ने बताया था कि वह मध्यप्रदेश की रहने वाली है तथा बचपन में अपने पिता की मृत्यु के बाद माता के साथ हिमाचल में आ गई थी। हिमाचल पहुंचने पर उसकी माता ने मध्यप्रदेश के ही राजेश से शादी कर ली थी जिसके बाद वह अपने सौतेले पिता व भाई के साथ ज्वालामुखी में रहती थी। पीड़िता जब पांचवीं कक्षा में पढ़ती थी तो उसकी माता की भी मृत्यु हो गई तथा उसके उपरांत वह और उसका भाई अपने सौतेले पिता के साथ ही रहते थे।
पीड़िता ने अध्यापिका को दी थी जानकारी
उसका सौतेला पिता उसके साथ दुष्कर्म करता था तथा इस बारे किसी को भी न बताने के लिए उसके साथ मारपीट करता था और डराता भी था। इसके बाद उसने इस बारे अपनी स्कूल अध्यापिका को जानकारी दी थी। जानकारी मिलते ही पुलिस थाना ज्वालामुखी में मामला दर्ज किया गया तथा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में साक्ष्य जुटाए गए तथा फोरैंसिक लैब में साक्ष्यों की जांच की गई।