नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी को 7 साल का कठोर कारावास

Edited By Vijay, Updated: 27 Jun, 2019 09:31 PM

court gave punishment to rape accused

स्पैशल जज, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने भा.दं.सं. की धारा 376 के तहत मुजरिम वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरु पुत्र रामसा राम निवासी गांव खुड द्राबिल डाकखाना जरानाला ददाहू को 7 साल के कठोर कारावास की सजा व 50 हजार रुपए...

नाहन: स्पैशल जज, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने भा.दं.सं. की धारा 376 के तहत मुजरिम वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरु पुत्र रामसा राम निवासी गांव खुड द्राबिल डाकखाना जरानाला ददाहू को 7 साल के कठोर कारावास की सजा व 50 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

पहले से ही शादीशुदा था आरोपी

जिला न्यायवादी महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता 9वीं कक्षा में पढ़ती थी तथा मुजरिम गाड़ी चलाता था। वह अक्सर गांव में उसके घर भी आया-जाया करता था। इस दौरान मुजरिम ने पीड़िता से कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है। 13 जनवरी, 2015 को जब पीड़िता अपने घर में अकेली थी तो मुजरिम उसे गाड़ी में अपने घर खुड द्राबिल ले गया। जब वह वहां पहुंची तो उसे पता चला कि मुजरिम पहले से ही शादीशुदा है और उसके 3 बच्चे भी हैं और उसकी पत्नी फिर से गर्भवती है।

पीड़िता ने ददाहू अस्पताल में दिया शिशु को जन्म

पीड़िता 3 महीने खुड द्राबिल रही। उसके बाद मुजरिम ने रोनहाट में कमरा किराए पर लिया जहां वह पीड़िता के साथ रहने लगा। इस बीच वह गर्भवती हो गई। बाद में वह वापस खुड द्राबिल गांव आ गई। इसके बाद में पीड़िता ने ददाहू अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया। उसके बाद कुछ लोगों ने चाइल्ड हैल्पलाइन में पीड़िता की मां की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई। बाद में मुजरिम के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। इसके बाद मुजरिम पीड़िता को शिमला ले गया और वहां 15-20 दिन रहा। उसके बाद वह उसे हरियाणा ले गया। गांव खुड द्राबिल आने के बाद पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया और उसकी मां के हवाले कर दिया।

मैजिस्ट्रेट के सामने कलमबद्ध हुए थे पीड़िता के बयान

इस मामले में पीड़िता का बयान मैजिस्ट्रेट के सामने कलमबद्ध किया गया था। पुलिस ने मां और शिशु के रक्त के नमूने भी एकत्रित किए। उसके बाद पुलिस थाना शिलाई में मुजरिम के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 363, 366-ए, 376 एवं पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में बाद में पुलिस ने डी.एन.ए. भी करवाया, जिससे यह साबित हुआ कि मुजरिम शिशु का बॉयोलॉजिकल पिता है। अदालत ने सबूतों के आधार पर वीरवार को मुजरिम को सजा सुनाई।

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