Edited By Vijay, Updated: 01 Oct, 2019 10:39 PM
फर्जी दस्तावेजों पर गाड़ियाें के लिए लोन लेना व्यक्ति को महंगा पड़ गया है। इस मामले को लेकर शिमला की एक अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत ने चायली के मनोज कुमार को 2 साल की सजा सुनवाई है।
शिमला: फर्जी दस्तावेजों पर गाड़ियाें के लिए लोन लेना व्यक्ति को महंगा पड़ गया है। इस मामले को लेकर शिमला की एक अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत ने चायली के मनोज कुमार को 2 साल की सजा सुनवाई है। वहीं लोन दिलाने के लिए बैंक के कर्मचारी देवेंद्र सिंह को 6 माह की सजा सुनाई गई है। गाड़ियाें के लिए लोन लेने का यह मामला साल 2002-03 का है।
बालूगंज थाना में दर्ज हुआ था केस
इस बारे में बालूगंज थाना में आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत केस दर्ज किया गया था। मनोज कुमार ने अपनी पत्नी के नाम पर पंजाब नैशनल बैंक की चायली शाखा से गाड़ी के लिए लोन लिया था लेकिन इसने इस गाड़ी को किसी को बेच दिया। इसके बाद एक और गाड़ी के लिए लोन लिया, लेकिन यह गाड़ी किसी ओर के नाम से खरीदी गई। व्यक्ति ने गाड़ी को खरीदने के लिए फर्जी दस्तावेज ही बनाए थे।