HC ने दिए आदेश, DDU शिमला नहीं भेजे जाएंगे सोलन-सिरमौर के कोरोना मरीज

Edited By Vijay, Updated: 11 Aug, 2020 11:43 PM

corona patients from solan sirmour will not sent to ddu shimla

प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर और सोलन जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला के लिए तब तक स्थानांतरित न करने के निर्देश जारी किए हैं जब तक इन जिलों के अस्पतालों की क्षमता उक्त रोगियों को भर्ती करने से बाहर नहीं हो जाती।

शिमला (ब्यूरो): प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर और सोलन जिलों के कोरोना संक्रमित मरीजों को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला के लिए तब तक स्थानांतरित न करने के निर्देश जारी किए हैं जब तक इन जिलों के अस्पतालों की क्षमता उक्त रोगियों को भर्ती करने से बाहर नहीं हो जाती। कोर्ट ने ऐसे रोगियों को उन्हीं स्थानों पर उनके इलाज के लिए प्राथमिकता देने के आदेश भी जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने ये आदेश इंद्रजीत सिंह द्वारा दायर एक याचिका पर दिए, जिसमें राज्य सरकार के 16 जुलाई, 2020 के आदेश को चुनौती दी गई है। सरकार के इस आदेश के तहत दीन दयाल उपाध्याय जोनल अस्पताल शिमला को शिमला और किन्नौर के जिलों के अलावा सोलन और सिरमौर जिलों के लिए भी कोविड केयर अस्पताल घोषित किया गया है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि 15 मई, 2020 को हुई एक बैठक में उपकरणों और कर्मचारियों का समग्र विश्लेषण किया गया था और उसने स्वयं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पताल की कमियों को पूरी तरह से सुसज्जित करने और स्थिति को संभालने के लिए प्रतिबिंबित किया था। इसके अलावा कर्मचारियों के जोखिम को कम करने के लिए एक रिमोट कंट्रोल मॉनीटरिंग सिस्टम स्थापित करने की आवश्यकता है। 12 पल्स ऑक्सीमीटर, 1 डिफाइब्रिलेटर, इलैक्ट्रिक सक्शन मशीनें-आईसीयू के लिए 1 और कोविड वार्ड के लिए 4, ऑक्सीजन मैनिफोल्ड, 10 ऑक्सीजन रैगुलेटर, 1 वीडियो लैरिंजोस्कोप, 12 सिरिंज इन्फ्यूजन पंप, स्क्रब स्टेशन, पोर्टेबल एक्स-रे मशीन और अल्फा बैड गद्दे भी आवश्यक हैं। याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की कि ऐसी स्थिति में जब डीडीयू पूरी तरह से सक्षम नहीं है तो मरीजों को सोलन और सिरमौर से डीडीयू शिमला में स्थानांतरित करना सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक होगा।

7 अगस्त, 2020 को मामले पर हुई सुनवाई के दौरान निदेशक स्वास्थ्य सेवा ने न्यायालय को बताया था कि अस्पताल में 24 वैंटीलेटर हैं और बुनियादी ढांचे को देखते हुए एक एनैस्थेटिस्ट केवल 6 वैंटीलेटर संभाल सकता है। हालांकि कोर्ट को यह बताया कि अब वैंटीलेटर को संभालने के लिए 2 एनैस्थेटिस्ट काम कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि भले ही 2 एनैस्थेटिस्ट उपलब्ध हैं, 12 वैंटीलेटर के लिए अभी भी एनैस्थेटिस्ट नहीं हैं। इसलिए जब डीडीयू में बुनियादी ढांचा ही अधूरा है तो सरकार का सिरमौर और सोलन से मरीजों को स्थानांतरित करने का यह आदेश सही नहीं है। मामले को 17 अगस्त को सुनवाई के लिए निर्धारित किया है।

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