Central University के दीक्षांत समारोह में शांता ने 866 विद्यार्थियों को बांटीं उपाधियां

Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2019 09:41 PM

convocation in central university

मेहनत का फल पाकर होनहार फूले नहीं समाए। मौका था हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के पांचवें दीक्षांत समारोह का। डिग्री कॉलेज धर्मशाला के ऑडिटोरियम में शुक्रवार को हुए कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 32 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल तथा 35...

धर्मशाला (जिनेश): मेहनत का फल पाकर होनहार फूले नहीं समाए। मौका था हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के पांचवें दीक्षांत समारोह का। डिग्री कॉलेज धर्मशाला के ऑडिटोरियम में शुक्रवार को हुए कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 32 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल तथा 35 छात्र-छात्राओं को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई, साथ ही अकादमिक सत्र 2015-17 और 2016-18 तक के स्नातकोत्तर के 758, स्नातक के 27, डिप्लोमा के 14 छात्र-छात्राओं को भी उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान मुख्यातिथि ने मेधावी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन इन विद्यार्थियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
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केंद्रीय विश्वविद्यालय का स्थायी भवन न होने पर जताया दुख

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल में उत्कृष्ट शिक्षा लाने के लिए प्रयत्न कर रहा है। उन्होंने दुख प्रकट किया की हिमाचल में हर जिले में कई विश्वविद्यालय बन गए हैं लेकिन शिक्षा का स्तर आगे नहीं बढ़ पाया है। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी भवन के अभी तक न बनने पर भी दुख प्रकट किया। वहीं योग की कक्षाओं को शुरू करने को लेकर शांता ने केंद्रीय विश्वविद्यालय को बधाई दी। शांता ने युवाओं से आह्वान किया कि डाक्टर बनो, इंजीनियर बनो लेकिन सबसे पहले अच्छे मनुष्य बनो।
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केंद्रीय विश्वविद्यालय बनेगा एशिया की तक्षशिला : डॉ. बेदी

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय भविष्य में एशिया की तक्षशिला बनेगा। जो भूमिका तक्षशिला ने निभाई है, वही भूमिका हिमाचल का केंद्रीय विश्वविद्यालय भी भविष्य में निभाएगा। यह बात हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. हरमोहिंद्र सिंह बेदी ने 5वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुछ तथाकथित विद्वान कहते हैं कि हिंदी, संस्कृत की भारतीयों को क्या जरूरत है जबकि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं को दोबारा से प्रयोग में लाने पर ही कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत का प्राचीन गुरुकुल परंपरा की ओर लौटना कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत से केंद्रीय विश्वविद्यालय जनजातीय क्षेत्रों में शुरू किए जा रहे हैं।
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योग विषय को संस्कृत में पढ़ाने वाला देश पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय : प्रो. अग्निहोत्री

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने देहरा में योग विषय की कक्षाएं शुरू की हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जिसमें योग संस्कृत भाषा में पढ़ाया जाएगा तथा इसकी परीक्षा भी मात्र संस्कृत भाषा में ही होगी। यह बात केंद्रीय विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण में भले ही देरी हुई है लेकिन अब इस कार्य में तेजी लाई जा रही है तथा 1400 करोड़ रुपए की डीपीआर. तैयार करके केंद्र को भेजी गई है। इसके तहत लगभग 800 करोड़ रुपए की राशि आना निश्चित है। अग्रिहोत्री ने बताया कि देहरा में 700 एकड़ भूमि केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम हस्तांतरित हो चुकी है जबकि धर्मशाला परिसर के लिए 300 एकड़ भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में पब्लिकेशन ब्यूरो शुरू किया है, जिसमें पुस्तक प्रकाशन किया जा रहा है।
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