Edited By Vijay, Updated: 30 Nov, 2018 06:01 PM
शिमला-हमीरपुर-मटौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-88 को पहले एन.एच. और अब फोरलेन घोषित तो कर दिया है लेकिन बरसाती मौसम में हुए डैमेज को दुरुस्त करने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। विडंबना यह है कि एन.एच. के शालाघाट, जुखाला, हमीरपुर, ज्वालामुखी और...
बिलासपुर (मुकेश): शिमला-हमीरपुर-मटौर राष्ट्रीय उच्च मार्ग-88 को पहले एन.एच. और अब फोरलेन घोषित तो कर दिया है लेकिन बरसाती मौसम में हुए डैमेज को दुरुस्त करने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। विडंबना यह है कि एन.एच. के शालाघाट, जुखाला, हमीरपुर, ज्वालामुखी और देहरा सब डिवीजन में एस.डी.एम., जे.ई., सुपरवाइजर व बेलदारों को मिलाकर कुल 119 अफसर-कर्मचारियों की स्ट्रैंथ कार्यरत है लेकिन इस सड़क की हालत सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह मामला उठाया गया है। यह बात नयनादेवी के विधायक रामलाल ठाकुर ने सर्किट हाऊस में आयोजित प्रैस वार्ता करते हुए कही।
एन.एच. पर काम न होना बड़ा सवाल
उन्होंने बताया कि राजघाट से लेकर शालाघाट तक इस मार्ग की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है और बरसात के मौसम में सड़क जगह-जगह से डैमेज हुई है। पैचवर्क भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एन.एच. पर बनाए गए सब डिवीजन में 119 अधिकारी व कर्मचारियों की फौज तैनात की गई है, जिनमें 5 एस.डी.ओ., 20 जे.ई., 19 सुपरवाइजर और 75 बेलदार शामिल हैं लेकिन काम क्यों नहीं हो रहा, यह एक बड़ा सवाल है?
सरकारी खजाने का जमकर हो रहा दुरुपयोग
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक साल की उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है। इससे बड़ा सरकार की लोकप्रियता का उदाहरण और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। ईमानदारी से काम किए जाने के दावे करते-करते सरकार नहीं थकती, लेकिन हकीकत अभी कोसों दूर है।