Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2018 08:56 PM
हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा श्रीनयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र में किए गए शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर रणधीर शर्मा का नाम अंकित किए जाने को लेकर श्रीनयनादेवी जी के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राम लाल ठाकुर ने कड़ा ऐतराज...
स्वारघाट: हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा श्रीनयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र में किए गए शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर रणधीर शर्मा का नाम अंकित किए जाने को लेकर श्रीनयनादेवी जी के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राम लाल ठाकुर ने कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि सरकार के किसी भी पद पर न विराजमान व्यक्ति जिसकी सरकार में भी कोई भागीदारी नहीं है, उसका नाम शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर अंकित किया जाना परंपराओं के खिलाफ है।
जो व्यक्ति सरकार से बाहर उसका नाम शिलान्यास पट्टिकाओं पर कैसे?
उन्होंने स्वारघाट में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से जानना चाहते हैं कि जो व्यक्ति सरकार से बाहर हो, क्या उसका नाम शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर लिखा जा सकता है और अगर नहीं तो भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा का नाम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला स्वारघाट की साइंस लैब, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुई सुराहड़ व बस्सी में पटवारखाने के भवनों की शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर किस हैसियत से अंकित करवाया गया है। उनका कहना था कि नियमों के तहत जिन कार्यों की कुल राशि का 40 प्रतिशत पहले जमा नहीं करवाया जाएगा, उसका टैंडर नहीं लगाया जा सकता।
बिना बजट के फट्टे लगाने का काम कर रहे सांसद
उन्होंने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर से पूछा है कि स्वारघाट में साइंस लैब पर 1 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत आएगी तथा सांसद द्वारा इस लैब के लिए मात्र 5 लाख रुपए की राशि दी गई है जोकि कुल लागत का 40 प्रतिशत नहीं बनता है। अत: इस लैब के टैंडर नहीं निकाले जा सकते। ठीक इसी प्रकार नयनादेवी में 50 बैड अस्पताल के लिए सांसद द्वारा 1 करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही गई है जबकि इसकी कुल लागत करीब 30 करोड़ के आसपास बनती है तथा यह भी टैंडर प्रक्रिया को पूर्ण नहीं कर पा रही है। उनका कहना था कि 4 साल गायब रहे सांसद अब आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिना बजट के आनन-फानन में फट्टे लगाने का काम कर रहे हैं।
किराए के मकान में खोले कार्यालय पर भी उठाए सवाल
उन्होंने स्वारघाट तहसील से बदलकर किराए के मकान में खोले गए तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय को लेकर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि यह कार्यालय ऐसी जगह बनाया गया है, जहां पर वृद्ध व दिव्यांग व्यक्ति सीढिय़ां चढ़कर नहीं पहुंच सकते तथा दूसरे तहसील परिसर में ही जब इसके लिए कमरे का प्रावधान किया गया है तो इसे किराए के कमरे में खोला जाना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जिला के तमाम अधिकारी आए दिन बैठकों में व्यस्त हैं, जिसके कारण लोगों के कार्य प्रभावित हो रहे है तथा लोगों को दफ्तरों के कई-कई चक्कर काटकर परेशानी उठानी पड़ रही है।