कांग्रेस नहीं बना पाई बागियों की मैरिट, बिगड़े समीकरण

Edited By Ekta, Updated: 31 Dec, 2018 12:22 PM

congress does not create rebels merit

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस संगठन से बाहर चल रहे बागियों की वापसी पर निर्णय नहीं ले पाई है। प्रदेश कांगे्रस ने निष्कासित पदाधिकारियों की वापसी मैरिट के आधार पर करने की बात कही थी। इसके तहत पार्टी से बाहर चले रहे पदाधिकारियों को आवेदन...

शिमला (राक्टा): लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस संगठन से बाहर चल रहे बागियों की वापसी पर निर्णय नहीं ले पाई है। प्रदेश कांगे्रस ने निष्कासित पदाधिकारियों की वापसी मैरिट के आधार पर करने की बात कही थी। इसके तहत पार्टी से बाहर चले रहे पदाधिकारियों को आवेदन करने के लिए कहा गया और 90 से अधिक निष्कासित पदाधिकारियों ने आवेदन किए लेकिन 2 माह से अधिक समय हो जाने के बाद भी पार्टी न तो अनुशासन समिति का गठन कर पाई है और न ही निष्कासित पदाधिकारियों की मैरिट तैयार हुई। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख निष्कासित पदाधिकारी वापसी के लिए दबाव बनाने लगे हैं। प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल को भी निष्कासित नेता व पदाधिकारी अपना दुखड़ा बता चुके हैं। गौर हो कि कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर 120 से अधिक नेताओं व पदाधिकारियों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया था। इनमें 90 से अधिक ने संगठन में वापसी के लिए आवेदन किया लेकिन 1-2 चेहरों की ही वापसी पर पार्टी ने अब तक मोहर लगाई है। 

3 श्रेणियां बनाईं पर मोहर नहीं लगी

कांग्रेस ने निष्कासित नेताओं की 3 श्रेणियां बनाई हैं लेकिन वापसी पर मोहर नहीं लग पाई है। पहली श्रेणी में वे चेहरे हैं जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध विस चुनाव लड़ा। इसके साथ ही दूसरी श्रेणी में वे पदाधिकारी हैं जिन्होंने चुनाव में खुलेआम दूसरी पार्टी के लिए प्रचार किया और तीसरी श्रेणी में वे चेहरे हैं जो अंदरखाते पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने कहा कि पार्टी हाईकमान के आदेशों के अनुसार इस पर निर्णय लिया जाएगा। लोकसभा चुनाव को देखते हुए सही समय पर इसका फैसला होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मैरिट के आधार पर ही निष्कासित नेताओं व पदाधिकारियों की संगठन में वापसी होगी।

अपने ही पड़ गए भारी, बिगड़े समीकरण

बागी नेताओं ने बीते विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर विभिन्न विस क्षेत्रों में कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ दिए थे। इसके चलते कई दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा था। शिमला शहरी, नालागढ़, द्रंग, रामपुर व शाहपुर सहित अन्य विस क्षेत्रों में कांग्रेस पर अपने ही भारी पड़ गए थे। कई चेहरे संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे।

 

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