Edited By Vijay, Updated: 26 Sep, 2018 10:23 PM
क्षेत्र की जनता ने सरकार से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी ताकि लोगों को समय पर इलाज मिल सके। सरकार ने इस बात को माना भी था और मुख्यमंत्री ने यहां पर चरणबद्ध तरीके से 10 चिकित्सकों के पद सृजित कर तैनाती करने की...
सोलन: क्षेत्र की जनता ने सरकार से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी ताकि लोगों को समय पर इलाज मिल सके। सरकार ने इस बात को माना भी था और मुख्यमंत्री ने यहां पर चरणबद्ध तरीके से 10 चिकित्सकों के पद सृजित कर तैनाती करने की घोषणा की थी। अब सरकार ने यहां एक चिकित्सक तो भेज दिया है लेकिन साथ ही 2 चिकित्सकों को यहां से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया है। क्षेत्रीय अस्पताल में ऑर्थो विशेषज्ञ डा. आशीष की तैनाती कर दी है। इसके अलावा यहां से छाती रोग विशेषज्ञ डा. डिंपल भगलानी व नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. दीप्ति को आई.जी.एम.सी. शिमला भेज दिया है। इससे यहां चिकित्सकों की संख्या बढऩे की बजाय कम होती जा रही है। यहां पहले ही चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
निजी क्लीनिकों की शरण में जा रहे लोग
चिकित्सक न मिलने पर लोगों को इलाज के लिए निजी क्लीनिकों की शरण लेनी पड़ रही है या फिर आई.जी.एम.सी. शिमला जाना पड़ रहा है। इस अस्पताल में जिला सिरमौर सहित जिला शिमला के दूरदराज क्षेत्रों के लोग भी इलाज के लिए आते हैं, ऐसे में अस्पताल की हालत में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है बल्कि अब चिकित्सकों की संख्या घटकर 21 रह गई है। इससे आने वाले दिनों में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
मुख्यमंत्री ने की थी चिकित्सकों के पद भरने की घोषणा
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन 200 बैड का है और इसके हिसाब से यहां चिकित्सक पूरे हैं लेकिन ओ.पी.डी. काफी अधिक रहती है। ओ.पी.डी. के हिसाब से यहां 10 चिकित्सकों के पद चरणबद्ध तरीके से भरने की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री ने की थी। इसके अलावा स्टाफ नर्सें तैनात करने, खराब मशीनरी की हालत सुधारने व अव्यवस्थाओं को ठीक करने की घोषणाएं स्वास्थ्य मंत्री ने की थीं। अभी तक इनमें से एक भी घोषणा पूरी नहीं हो पाई है।
जनता को बनाया जा रहा उल्लू
वहीं कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष राहुल सिंह व महासचिव रोहित शर्मा का कहना है कि सरकार ने सोलन की जनता से किया कोई वायदा पूरा नहीं किया है और जनता को उल्लू बनाया जा रहा है। लोगों को झूठी घोषणाएं करके अच्छे दिनों का सपना दिखाया जा रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल को चरणबद्ध तरीके से 10 चिकित्सक देने की घोषणा की थी लेकिन यहां से चिकित्सकों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। अब चिकित्सकों की संख्या और भी कम हो गई है। इससे तो लगता है कि प्रदेश सरकार निजी संस्थानों को फायदा पहुंचाने के लिए यहां चिकित्सकों की संख्या कम कर रही है। यदि प्रदेश सरकार इसी तरह यहां की जनता को परेशान करती रही तो इसके खिलाफ जल्द ही मोर्चा खोला जाएगा।