Edited By Simpy Khanna, Updated: 04 Nov, 2019 12:41 PM
किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए अब कृषि विभाग की ओर से एक नई कंपोजिट फैंसिंग तैयार की है। इसे लगाने के लिए किसानों को 70 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है और किसानों को केवल अपना 30 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा। इस कंपोजिट फैंसिंग...
सोलन (ब्यूरो): किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए अब कृषि विभाग की ओर से एक नई कंपोजिट फैंसिंग तैयार की है। इसे लगाने के लिए किसानों को 70 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है और किसानों को केवल अपना 30 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा। इस कंपोजिट फैंसिंग की खास बात यह है कि यह फैंसिंग जल्दी खराब नहीं होती। इसकी मुख्य बात यह है कि जमीन से करीब 4 से 5 फुट की ऊंचाई तक घनी जालियों के ब्लॉक तैयार किए गए हैं, जिसके ऊपर करीब 2 से 3 मीटर ऊंची सौर ऊर्जा के करंट से जुड़ी तारों को लगाया गया है। इससे छोटे बड़े जानवर सहित बंदर भी अंदर नहीं आ सकते।
हलांकि इसमें करंट केवल जालियों के ऊपरी तरफ ही होगा, जबकि उससे नीचे यह पूरी तरह से बंद रहेगी, जिससे किसान अपनी फसलों को जानवरों से सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें विभाग की ओर से निजी कंपनी की सहायता से उक्त फैंसिंग को लगाने का कार्य किया जाता है। इसमें एक या एक से अधिक किसानों को भी 70 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। ज्यादा समय तक चलेगी वर्तमान में कई किसानों द्वारा सौर फैंसिंग लगाई गई हैं, लेकिन इसकी किसानों से अच्छी फीडबैक नहीं आ रही थी। किसानों की मानें तो उक्त फैंसिंग में घास व पौधों के कारण बार-बार शॉट सॢकट के कारण खराब हो रही हैं। इसमें यदि फैं सिंग में घास भी छू जाता है, तो वह शॉट हो जाती है, जिससे इसमें घुसने वाले जानवरों को करंट नहीं लगता।
इसके बाद कृषि विभाग की ओर से उक्त फैंसिंग योजना में संशोधन कर इसे तैयार किया है। इसमें अब फैंसिंग की जमीन से करीब 4 से 5 फुट तक की ऊंचाई तक बिना करंट की जालियों के ब्लाक लगाए गए हैं, जबकि इसके ऊपर वाली करीब 3 फंट की ऊंचाई पर करंट वाली तारों को बिछाया गया है, जिसमें जानवर अंदर नहीं आ सकता है। वहीं यदि जानवर जाली के ब्लॉक के ऊपर से आने का प्रयास करे तो वह जाली की ऊपरी तरफ करंट वाली तारों में झटका लगने के बाद वह अंदर नहीं आ सकेगा।