लाठीचार्ज मामले पर आलाधिकारियों ने रखा पक्ष, आयोग बोला-जांच के बाद होगी कार्रवाई

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Aug, 2017 11:18 PM

commission said action will be done after investigation on lathicharge case

गद्दी समुदाय पर हुए कथित लाठीचार्ज मामले में शनिवार को प्रदेश के डी.जी.पी. सुमेश गोयल और होम सैक्रेटरी आयोग के समक्ष सर्किट हाऊस में पेश हुए।

धर्मशाला: गद्दी समुदाय पर हुए कथित लाठीचार्ज मामले में शनिवार को प्रदेश के डी.जी.पी. सुमेश गोयल और होम सैक्रेटरी आयोग के समक्ष सर्किट हाऊस में पेश हुए। उक्त अधिकारियों ने आयोग के समक्ष 9 अगस्त को मैक्लोडगंज के टैंगल बोर्ड में हुए लाठीचार्ज मामले में अपना पक्ष रखा। होम सैक्रेटरी के सुबह धर्मशाला न पहुंचने के कारण आयोग ने पहले डी.जी.पी. से कथित लाठीचार्ज मामले में पुलिस की भूमिका का सच जाना। इस दौरान डी.जी.पी. सुमेश गोयल के साथ डी.सी. कांगड़ा, डी.आई.जी. जे.पी. सिंह, एस.पी. व एस.डी.एम. आदि मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार उक्त अधिकारियों ने आयोग के समक्ष मामले के संबंध में वीडियो व अन्य साक्ष्य रखे। एस.पी. ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने एस.एच.ओ. मैकलोडगंज की कॉलर पकड़ ली थी, इसके बाद ऐसी घटना हुई। इस पर आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि दोनों पक्षों के साक्ष्य देखे गए हैं, जिसकी जांच की जाएगी और उसके बाद ही लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी।

किसी भी प्रकार से सिद्ध नहीं होते पुलिस के आरोप 
डी.जी.पी. का पक्ष सुनने के बाद आयोग के चेयरपर्सन नंद कुमार साई ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उन्होंने सभी साक्ष्य देखे व लाठीचार्ज मामले में गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि आयोग ने दोनों पक्षों के बयान कलमबद्ध किए हैं व घटनास्थल का निरीक्षण भी किया है। उन्होंने कहा कि इन सभी तथ्यों का आयोग विश्लेषण करेगा। चेयरपर्सन का कहना है कि स्थानीय पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप किसी भी प्रकार से सिद्ध नहीं होते हैं कि उक्त गद्दी समुदाय के लोगों ने पुलिस अधिकारी के साथ बदसलूकी की है। उन्होंने कहा कि आयोग अनुसूचित जनजातियों के हितों के संरक्षण के लिए बनाया गया है। 

लाठीचार्ज मामले से आहत है आयोग
उन्होंने कहा कि आयोग लाठीचार्ज मामले से पूरी तरह आहत है और इस सारे घटनाक्रम की जिम्मेदारी किसकी बनती है, इस पर आयोग काफी कठोर है और जिन लोगों का इसमें हाथ है उनको आयोग दंडित करने के लिए सरकार से सिफारिश करेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कठोर कार्रवाई इसलिए भी बनती है ताकि इस प्रकार की घटना प्रदेश में फिर कभी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अच्छी स्थिति बनाए रखने के लिए सभी की जिम्मेदारी है तथा कोई भी वर्ग चिंतित या भयभीत नहीं होना चाहिए, वहीं शाम को प्रिंसीपल सैक्रेटरी भी आयोग के समक्ष पेश हुए व अपनी बात रखी।

सोच दुरुस्त करें भरमौरी
आयोग राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक है। यह बात अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरपर्सन नंद कुमार साई ने प्रदेश के वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौर के उस बयान पर कही, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया। उनका कहना है कि भरमौरी को अपनी सोच दुरुस्त कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन मंत्री का बयान तथ्यों से परे है।

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