Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2020 07:47 PM
लगातार बर्फबारी के बाद हालांकि अब मौसम साफ हो गया है, लेकिन पहाड़ों पर कोल्ड अटैक जारी है। बर्फीली ठंडी हवाओं ने ऊंचाई वाले स्थानों में बसे लोगों की दिनचर्या पर भी ब्रेक लगा दी है। अधिक ठंड के कारण लोगों का घरो से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
रामपुर बुशहर (विशेषर नेगी): लगातार बर्फबारी के बाद हालांकि अब मौसम साफ हो गया है, लेकिन पहाड़ों पर कोल्ड अटैक जारी है। बर्फीली ठंडी हवाओं ने ऊंचाई वाले स्थानों में बसे लोगों की दिनचर्या पर भी ब्रेक लगा दी है। अधिक ठंड के कारण लोगों का घरो से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। अधिक ठंड की वजह से पेयजल लाइनों में बर्फ जमा है, जिससे पानी की सप्लाई ठप्प है। इतना ही नहीं, जल स्रोत भी जमकर पत्थर बन गए हैं, ऐसे में पीने के पानी की समस्या हो गई है। कोल्ड अटैक के चलते सुबह-शाम कफ्र्यू जैसा माहौल बना हुआ है।
इस बार लगातार बर्फबारी के कारण पशुपालकों के पास पशुचारा पहले ही खत्म हो चुका है। अब पशुओं को जीवित रखने के लिए घरों से बाहर छोड़ना मजबूरी है लेकिन अधिक ठंड में पशुओं का भी बाहर रहना मुश्किल हो रहा है। लोग भी ठंड से बचने के लिए लकड़ी काट कर घरों को ले जा रहे हैं ताकि आग जलाकर ठंड का मुकाबला कर सकें। लोगों का कहना है कि मौसम साफ होने के बाद भी इस बार ठंड कम नहीं हो रही है। पहाड़ों से आई बर्फीली हवाएं सुई की तरह चुभ रही हैं। पहाड़ों पर रह रहे लोगों का कहना है कि इतनी ठंड पहले नहीं होती थी। लोगों का कहना है कि यह बर्फ बागवानों के लिए लाभकारी होगी। इससे फसल अच्छी होने की उम्मीद है।
निरमंड खंड के दूरदराज श्रीखंड क्षेत्र के चायल पंचायत के पूर्व प्रधान संदेव ठाकुर ने बताया हमारे क्षेत्र में इतनी ठंड है कि पानी पूरी तरह जम चुका है। नहाना भी मुश्किल है वहीं पशुओं का भी ठंड में बुरा हाल है। उधर,रामपुर की दूरदराज किन्नू पंचायत निवासी हरीश चंद्र ने बताया कि इस बार जो बर्फबारी हुई है उससे बागवान खुश हैं लेकिन पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पशुओं को चारा तो छोड़ो पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। पानी के सभी स्रोत जम गए हैं। सुबह-शाम हवा इतनी तेज और ठंडी चल रही है कि एकदम से पानी जम जाता है। हालांकि मौसम साफ है लेकिन बर्फीली हवाएं सुई की तरह चुभ रही हैं।