Edited By Vijay, Updated: 07 Oct, 2018 05:29 PM
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशिक्षित दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनके आवास में मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया तथा मांग पत्र सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में बिलासपुर से पवन कुमार, शिमला से दीपक वर्मा, मंजू...
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रशिक्षित दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनके आवास में मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया तथा मांग पत्र सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में बिलासपुर से पवन कुमार, शिमला से दीपक वर्मा, मंजू शर्मा, सुनील तोमर, वीरेंद्र व नीतू और कांगड़ा से रमन कुमार एवं निखिल चौधरी, प्रिंस, महिंद्र, मंडी से पुष्पेंद्र खाची व संजू और कुल्लू से भीमसेन आदि शामिल रहे। पवन कुमार ने बताया कि दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों की मुख्य मांग यह रही कि हाल ही में 1544 पदों पर हुई जे.बी.टी. भर्ती के तहत दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित 4 प्रतिशत पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया संबंधित सैल से जल्द से जल्द करवाकर सामान्य अभ्यर्थियों के साथ ही नियुक्तियां प्रदान की जाएं।
समय पर भर्ती नहीं करता दिव्यांग सैल
दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि दिव्यांग सैल भर्ती समय पर नहीं करता, जिससे दिव्यांग अभ्यर्थी नियुक्तियों के मामले में पिछड़ जाते हैं। लंबे समय से लंबित बैकलॉग पदों को भी भरने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से रखी। प्रशिक्षित दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अब तक दिव्यांग कोटे के अंतर्गत हुई भर्तियों के बाबत सूचना उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों से आए दिव्यांग अभ्यर्थियों की समस्याओं को सुनकर उन्हें शीघ्र ही सुलझाने का आश्वासन दिया।
बताने के बावजूद विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
पवन कुमार ने बताया कि दिव्यांग जे.बी.टी. अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि वे पिछले महीने सितम्बर को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल से भी इस विषय को लेकर मिले थे तथा उन्हें अपनी समस्या से अवगत भी करवाया, परंतु एक महीना बीतने के बाद संबंधित विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है और दिव्यांगों को एक जगह से दूसरी जगह पर भटकाने वाली बात है। दिव्यांगों ने बताया कि यदि उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो कुछ समय आने के बाद वे एक बड़ा आंदोलन करेंगे, क्योंकि विभाग उनको पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा है तथा उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर लटकाया जाता है।