CM जयराम बोले-न्यायिक प्रणाली में सुधार को हरसंभव सहायता करेगी सरकार

Edited By Vijay, Updated: 30 Jun, 2018 09:55 PM

cm said government will help in improving the judicial

लोकतंत्र केवल लोगों की प्रभुता पर ही आधारित नहीं है बल्कि संविधान में भी उल्लेखित है कि न्यायपालिका राज्य का तीसरा स्तंभ है जोकि संविधान एवं लोकतंत्र की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाता है।

शिमला (राक्टा): लोकतंत्र केवल लोगों की प्रभुता पर ही आधारित नहीं है बल्कि संविधान में भी उल्लेखित है कि न्यायपालिका राज्य का तीसरा स्तंभ है जोकि संविधान एवं लोकतंत्र की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को शिमला के समीप घंडल में न्यायिक अकादमी के प्रशासनिक खंड के लोकार्पण अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में न्यायिक प्रणाली के सुधार को लेकर प्रदेश सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों को न्याय प्रदान करना राज्य सरकार का संवैधानिक दायित्व है। इस भवन का निर्माण 81 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।


5 वर्ष से अधिक समय से 5.96 प्रतिशत मामले लंबित
सी.एम. ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ईमानदार एवं कर्मठ न्यायिक प्रणाली स्थापित है, जिसके फलस्वरुप राज्य की न्यायपालिका में वर्ष 2016 में कुल 2,06,727 लंबित मामलों में से 5 वर्ष से अधिक समय से मात्र 5.96 प्रतिशत मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका किसी भी लोकतंत्र का आधार है तथा एक मजबूत लोकतंत्र के लिए इन तीनों शाखाओं के बीच सौहार्द व सामंजस्य होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अकादमी के निर्माण के लिए 165 करोड़ रुपए पहले ही स्वीकृत कर दिए गए हैं।


उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने प्रस्तुत किया धन्यवाद प्रस्ताव
हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति धर्म चंद चौधरी ने भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ  का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान न्यायिक प्रणाली में आम जनता के साथ वार्तालाप आरंभ किया था। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति  त्रिलोक सिंह चौहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।


कानून की करनी चाहिए पालना
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति को कानून की पालना करनी चाहिए तथा सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक कार्य व कार्रवाई कानून की सीमा में किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सभी को समाज को प्रगतिशील, कानून प्रिय तथा शांतिप्रिय बनाने के लिए मिलजुल कर कार्य करना चाहिए, जिसके लिए न्यायपालिका की सहभागिता व सहायता भी आवश्यक है।


ज्ञान को बढ़ाने के लिए साबित होगा श्रेष्ठ संस्थान : कुरियन जोसेफ
भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ  ने कहा कि न्यायिक अकादमी एक मनमोहक व शांत स्थान पर स्थित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पूरे विश्व में अपार पर्यटन संभावना वाले सुंदर राज्य के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता है कि राज्य सरकार इस संभावना का पूर्ण रूप से उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अकादमी अधिवक्ताओं को अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ संस्थान साबित होगी।


ये गण्यमान्य रहे उपस्थित
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश्वर ठाकुर, न्यायमूर्ति विवेक सिंह, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा तथा न्यायमूर्ति चंद्र भूषण भरोवालिया, गुजरात मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति  अभिलाषा कुमारी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, बार काऊंसिल के सदस्य, शिमला नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा व वरिष्ठ अधिवक्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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