Edited By Vijay, Updated: 19 May, 2020 09:56 PM
बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 31 मई के बाद हिमाचल प्रदेश के दरवाजे बंद हो सकते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण को समाप्त करना है तो 31 मई के बाद बाहरी...
शिमला (ब्यूरो): बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 31 मई के बाद हिमाचल प्रदेश के दरवाजे बंद हो सकते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण को समाप्त करना है तो 31 मई के बाद बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर कुछ समय के लिए रोक लगानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि दिसम्बर में होने वाले पंचायती राज चुनाव के लिए राज्य सरकार तैयार है लेकिन कोरोना वायरस की स्थिति को ध्यान में रखकर ही उस समय कोई निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए नवम्बर व दिसम्बर में हालात का आकलन करके किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
बाहरी राज्यों में फंसे लोगों पर राजनीति कर रहा विपक्ष
उन्होंने आरोप लगाया कि संकट काल की इस घड़ी में विपक्ष बाहरी राज्यों में फंसे लोगों पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है, ऐसे में विपक्ष को राजनीति करने की बजाय सरकार को अपने सुझाव एवं सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले कुछ समय से प्रदेश में आॢथक गतिविधियों में तेजी आई है। फार्मा व अन्य उद्योगों में काम तेजी से हो रहा है तथा दुकानें खुलने लगी हंै। हालांकि अभी भी लोगों में कोरोना का खौफ है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों की सुरक्षा का दायित्व सरकार का है और अब तक 1 लाख से अधिक लोग प्रदेश आ चुके हैं।
कोरोना से गरीब आदमी को भारी नुक्सान
उन्होंने कहा कि कोरोना से गरीब आदमी को भारी नुक्सान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए केंद्र और प्रदेश की सरकार सभी प्रभावी पग उठा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री की तरफ से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए पैकेज के लिए उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां तेजी पकड़ पाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को शहरी आजीविका योजना और मनरेगा से लाभ प्रदान करने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने और क्या कहा
1. अभी नहीं होगा मंत्रिमंडल विस्तार।
2. प्रदेश को कोरोना मुक्त करना पहला उद्देश्य।
3. स्मार्ट फोन व इंटरनैट न होने से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई हुई बाधित।
4. दूरदर्शन से समय लेकर शिक्षा देने का किया प्रयास।
5. सेब सीजन में संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री से मांगी मदद।
6. श्रमिकों के पलायन से उद्योग व कृषि-बागवानी पर असर पड़ा।
हिमाचल में उद्योग जगत को 1000 करोड़ तक का लाभ
हिमाचल प्रदेश के फार्मा हब पर केंद्र की नजर है। इसको ध्यान में रखकर उद्योग जगत के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई है, जिसमें से करीब 1000 करोड़ रुपए का लाभ हिमाचल प्रदेश को होगा। इससे प्रदेश में दवाओं के उत्पादन के साथ पीपीई किट और सैनिटाइजर के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा तथा देश आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।