आज के युग में हमारा संस्कृति और संस्कार से जुड़ा रहना बहुत जरूरी : जयराम

Edited By Vijay, Updated: 12 Jan, 2020 11:26 PM

cm jairam thakur

हमारी संस्कृति बहुत मजबूत है। उस संस्कृति का संदेश स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया में दिया है। संस्कृति से हम जुड़े रहें, संस्कार से हम जुड़े रहें आज के युग में बहुत आवश्यक है। उस दृष्टि से आज के कार्यक्रम का बहुत महत्व है।

पालमपुर (संजीव राणा): हमारी संस्कृति बहुत मजबूत है। उस संस्कृति का संदेश स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया में दिया है। संस्कृति से हम जुड़े रहें, संस्कार से हम जुड़े रहें आज के युग में बहुत आवश्यक है। उस दृष्टि से आज के कार्यक्रम का बहुत महत्व है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए कायाकल्प हिमालयन रिसर्च इंस्टीच्यूट द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर कांगड़ा जिला के पालमपुर में आयोजित स्वामी विवेकानंद जनमहोत्सव समारोह के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि यह दिन हर साल पूरे देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इतिहास कुछ वक्त के लिए याद रहता है लेकिन उसके बावजूद आज स्वामी विवेकानंद के संदेशों का महत्व उतना ही है जितना शिकागो के भाषण के दौरान और भारत भ्रमण के दौरान उन्होंने अपने भाषण और संदेश दिए थे। आज उनकी हर बात तर्कसंगत है। युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद के बताए हुए मार्ग पर चलने के लिए हमें प्रेरित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और जीवन के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए इस तरह का आयोजन वास्तव में एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं कई लोगों के लिए प्रेरणा थीं और उनके शब्द आत्म-सुधार के लक्ष्य बन गए। खासकर देश के युवाओं के लिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जातिगत भेदभाव के खिलाफ थे और सार्वभौमिक भाईचारे और समानता में विश्वास करते थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के कारण भारत दुनिया के सुपर पावर के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है अनुच्छेद 370 और 35ए इतिहास बन गया है और भारत में अब एक संविधान और एक प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में केंद्र में मजबूत नेतृत्व के कारण संभव हुआ। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सीएए केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम था और राज्य के लोग इस फैसले के पीछे थे क्योंकि इससे पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यकों को इन देशों में भेदभाव के कारण नागरिकता प्रदान करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उद्घोषणा प्रतियोगिता के राज्य स्तरीय पुरस्कार समारोह के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। इस अवसर पर 104 छात्रों को सम्मानित किया गया। उन्होंने हाल ही में एबीवीपी द्वारा आयोजित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी दिए। मुख्यमंत्री ने विवेकानंद ट्रस्ट को अपने ऐच्छिक निधि से 11 लाख रुपए और कायाकल्प हिमालयन रिसर्च इंस्टीट्यूट को 8.50 लाख रुपए देने की घोषणा की।

पूर्व मुख्यमंत्री और अध्यक्ष विवेकानंद ट्रस्ट शांता कुमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि विवेकानंद ट्रस्ट छात्रों के बीच स्वामी विवेकानंद के शिक्षण के प्रसार के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति जिले को छोड़कर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 30,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य छात्रों को स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षण के बारे में पढऩे के लिए प्रेरित करना था। उन्होंने छात्रों से स्वामी विवेकानंद के शिक्षण को अपने जीवन में आत्मसात करने और अच्छे इंसान बनने का आग्रह किया। इस मौके शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सन्देश भी पढ़ा।

 

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