जयराम मंत्रिमंडल से एक मंत्री का कट सकता है पत्ता, विभागों में फेरबदल संभव

Edited By Vijay, Updated: 26 Oct, 2019 10:16 PM

cm jairam thakur

धर्मशाला और पच्छाद उपचुनाव में जीत के बाद जयराम मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि विस्तार के साथ ही मंत्रिमंडल का स्वरूप भी बदलेगा। 2 साल की परफॉर्मैंस के आधार पर मंत्रिमंडल से एक मंत्री की छुट्टी भी हो सकती है और 1 या 2 नए...

शिमला/धर्मशाला (ब्यूरो/सौरभ): धर्मशाला और पच्छाद उपचुनाव में जीत के बाद जयराम मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि विस्तार के साथ ही मंत्रिमंडल का स्वरूप भी बदलेगा। 2 साल की परफॉर्मैंस के आधार पर मंत्रिमंडल से एक मंत्री की छुट्टी भी हो सकती है और 1 या 2 नए चेहरे सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। लोकसभा चुनावों के बाद दोनों उपचुनावों में जीत के चलते जयराम ठाकुर का कद और मजबूत हुआ है। केंद्रीय हाईकमान ने भी मुख्यमंत्री को फ्री हैंड दिया हुआ है, ऐसे में जयराम संगठन और सरकार की मजबूती के हिसाब से अपने मंत्रिमंडल को पुनर्गठित कर सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में परफॉर्मैंस के मानकों पर खरा न उतरने वाले कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री पहले ही दे चुके हैं संकेत

धर्मशाला में नवम्बर के पहले सप्ताह में होने जा रही ग्लोबल इन्वैस्टर्स मीट के बाद मुख्यमंत्री कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं, जिसका संकेत वह पहले ही दे चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बिरादरी विशेष के कुछ नेताओं पर मुख्यमंत्री की नजर है जो सत्ता और संगठन के लिए बार-बार मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। ऐसे नेताओं को हाशिए पर धकेला जा सकता है, फिर चाहे वे मंत्रिमंडल का हिस्सा हों या फिर मंत्री पद की रेस में शामिल हों।

चम्बा जिला के एक विधायक की भी लग सकती है लॉटरी

जिला कांगड़ा से किशन कपूर के सांसद बनने और जिला मंडी से अनिल शर्मा के मंत्री पद छोडऩे के बाद मंत्रिमंडल में 2 पद खाली हैं। संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में चम्बा जिला के एक विधायक की भी लॉटरी लग सकती है। बताया जा रहा है कि जातिगत व अन्य समीकरणों के चलते उक्त विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हुआ है। जिला कांगड़ा से ही 2 वरिष्ठ विधायक भी मंत्री पद पाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं और केंद्रीय नेताओं के पास भी लॉबिंग कर चुके हैं।

पार्टी विरोधी काम वाले नेता का कटेगा पत्ता

बताया जा रहा है कि एक बिरादरी से संबंधित कुछ पार्टी नेताओं ने धर्मशाला उपचुनाव में अंदरखाते आजाद प्रत्याशी की मदद की है, ऐसे नेताओं की कारगुजारी को लेकर पुख्ता साक्ष्य जुटाकर इन्हें पार्टी मंच पर रखा जा सकता है। इनमें से एक वरिष्ठ नेता की लंबे समय से मंत्री पद पर नजर है लेकिन पार्टी के खिलाफ जाकर काम करने को आधार बनाकर इस नेता का पत्ता काटा जा सकता है। इसी तरह कांगड़ा और शिमला संसदीय क्षेत्र के 2 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, जिन्होंने उपचुनाव में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई है। इन नेताओं को जिन क्षेत्रों में प्रचार का जिम्मा दिया गया था, उनमें पार्टी को अच्छी खासी बढ़त मिली है।

अध्यक्ष पद ध्यान में रखकर होगा विस्तार

पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष पद के लिए वर्ष के अंत में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर भी मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। चूंकि हमीरपुर और मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के नेता प्रदेश और केंद्र की राजनीति में अहम पदों पर हैं, ऐसे में कांगड़ा या शिमला संसदीय क्षेत्र से पार्टी नेता को अध्यक्ष पद मिल सकता है। जिस भी जिले को अध्यक्ष पद मिलेगा, वहां से मंत्रिमंडल में जगह मिलने की कम संभावना है, ऐसे में चम्बा सहित प्रतिनिधित्व से वंचित अन्य जिलों को भी मंत्री पद मिल सकता है।

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