हिमाचल को मानसून से 1200 करोड़ का नुक्सान, 81 लोगों ने गंवाई जान

Edited By Vijay, Updated: 06 Sep, 2019 10:33 PM

cm jairam thakur

राज्य में मानसून के दौरान भू-स्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से हुए नुक्सान का आकलन करने के लिए अंतर मंत्रालय की केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) 4 दिवसीय दौरे पर पहुंची है। टीम के सदस्यों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई,...

शिमला: राज्य में मानसून के दौरान भू-स्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से हुए नुक्सान का आकलन करने के लिए अंतर मंत्रालय की केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) 4 दिवसीय दौरे पर पहुंची है। टीम के सदस्यों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें सरकार की तरफ से वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के दौरान भू-स्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से प्रारंभिक आकलन के अनुसार राज्य को करीब 1,200 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। उन्होंने टीम के सदस्यों से प्रदेश को हुए नुक्सान को लेकर केंद्र के समक्ष राज्य का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण राज्य में मानसून के कारण सरकारी एवं निजी संपत्ति को भारी नुक्सान होता है और निर्माण व पुन: निर्माण की लागत मैदानी क्षेत्रों से अधिक है।

केंद्र के सामने रखा जाएगा प्रदेश का पक्ष

केंद्रीय टीम का नेतृत्व संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन, गृह मंत्रालय संजीव कुमार जिंदल कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश के पक्ष को केंद्र के सामने रखा जाएगा। टीम के अन्य सदस्यों में निदेशक व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय थैंगलेमलयन, निदेशक कृषि विभाग बिपुल कुमार श्रीवास्तव, जल संसाधन के निदेशक ओपी गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, सड़क परिवहन और उच्च मार्ग मंत्रालय विपनेश शर्मा, अवर सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय शैलेंद्र कुमार और सहायक निदेशक ऊर्जा मंत्रालय, सीईए, सेवा भवन नई दिल्ली विक्रम थोराट शामिल थे। प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन डीसी राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।  

मुख्य सचिव ने दिया आपदारोधी अधोसंरचना विकसित करने पर बल

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम सदस्यों से बैठक करते हुए कहा कि राज्य में लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य व अन्य विभागों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले जानमाल की क्षति से बचने के लिए तकनीक और अधोसंरचना में सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने आपदा प्रतिरोधक अधोसंरचना के विकास पर बल दिया ताकि बादल फटने, आकस्मिक बाढ़ और भू-स्खलन की चुनौतियों से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की सहायता से विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण सड़कों, विद्युत आपूर्ति लाइनों और पेयजल आपूर्ति योजनाओं आदि को होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए अध्ययन करवाया जाएगा।

बरसात के दौरान 81 लोगों की हुई मौत

प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बरसात के दौरान 81 लोगों की जान गई है। इसके अलावा 493 पशुओं की भी मौत हुई है। उन्होंने कहा कि जून में 3 दिन तक चली भारी वर्षा के कारण बादल फटने, आकस्मिक बाढ़ और भू-स्खलन से राज्य में भारी नुक्सान हुआ है। मानसून के दौरान 201 भू-स्खलन और 14 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!