मंत्री-विधायकों के यात्रा भत्ते बढ़ाने पर CM Jairam ने दिया बड़ा बयान, पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 31 Aug, 2019 04:57 PM

cm jairam thakur

सदन में विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पैंशन संशोधन विधेयक 2019, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन (संशोधन) विधेयक 2019 व मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सर्मसम्मति से पारित कर चर्चा में आई सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने शनिवार को विधानसभा परिसर में...

शिमला: सदन में विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पैंशन संशोधन विधेयक 2019, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन (संशोधन) विधेयक 2019 व मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सर्मसम्मति से पारित कर चर्चा में आई सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने शनिवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि न तो विधायकों व मंत्रियों की तनख्वाह बढ़ी है और न ही अन्य भत्ते। सिर्फ यात्रा भत्ता बढ़ा है। इस मुद्दे को बिना वजह तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किराया बढ़ गया है और अन्य चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं, ऐसे में यात्रा भत्ता बढ़ाना जरूरी था। इसलिए इसे 2 से बढ़ाकर 4 लाख किया है।

विधायकों के खाते में सीधी नहीं आएगी राशि

उन्होंने बताया कि पूर्व विधायकों का भी बार-बार आग्रह आ रहा था कि इसमें बढ़ौतरी की जाए। उनके यात्रा भत्ते को भी बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह राशि सीधी किसी विधायक या पूर्व विधायक के खाते में नहीं आएगी बल्कि उन्हें पहले बिल बाऊचर देना होगा। बिल पास होने के बाद ही राशि मिलेगी, जितनी राशि खर्च हुई होगी, उतनी ही मिलेगी। विधायकों को एक साल में 10 फीसदी तक ही खर्च करने की लिमिट है यानि 4 लाख का 40 हजार। इसमें यह भी जोड़ा गया है कि पूर्व विधायक अपने परिवार के साथ जा सकते हैं। इसके अलावा विदेशों में एयर टिकट के लिए भी राशि की लिमिट तय की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 90 फीसदी विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने इस सुविधा का लाभ ही नहीं उठाया है। इसलिए यह इतना बड़ा इश्यू नहीं है।

माकपा विधायक राकेश सिंघा ने किया बिल का विरोध

बता दें कि मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पैंशन संशोधन विधेयक 2019, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन (संशोधन) विधेयक 2019 व मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सर्मसम्मति से पारित किया गया। बिल पर शनिवार को सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष एकजुट दिखा। केवल माकपा विधायक राकेश सिंघा ने बिल का विरोध किया। कई सदस्यों ने तो गाड़ी व मुख्य सचिव के बराबर वेतन की मांग कर डाली। हालांकि माकपा विधायक राकेश सिंघा ने इसका विरोध किया लेकिन बाद में इसे पास कर दिया गया। इतना ही नहीं, कांग्रेस सदस्य सुखविंदर सिंह सुक्खू, हर्षवर्धन चौहान व रामलाल ठाकुर ने इस राशि को कम बताया और अधिक सुविधाओं की मांग कर डाली।

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