Edited By Vijay, Updated: 28 May, 2018 12:27 AM
प्लास्टिक से उत्पन्न प्रदूषण समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय में मानवता के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रविवार को आयोजित सप्ताहभर...
शिमला: प्लास्टिक से उत्पन्न प्रदूषण समूचे विश्व के लिए चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय में मानवता के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा रविवार को आयोजित सप्ताहभर चलने वाले पॉलीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले विकसित देशों द्वारा प्लास्टिक का अधिक इस्तेमाल करने से वहां की स्थिति अधिक चिन्ताजनक है तथा उनके लिए प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन भी एक बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक का कचरा जैविक रूप से नष्ट नहीं होता है। इसलिए यह मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है तथा पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
कचरे से ऊर्जा उत्पन्न करने की परियोजनाएं हो रहीं आरंभ
शिमला के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों, स्वयंसेवकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, गृह रक्षक तथा अग्निशमन सेवाओं के जवानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्तूबर, 2009 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन अभी भी दूध, चिप्स व ब्रैड इत्यादि कई उत्पाद प्लास्टिक की पैकिंग में मिलते हैं, जिससे इस खतरे से पर्यावरण को बचाने के लिए नियमित रूप से विशेष अभियान आरंभ करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्लास्टिक के कचरे से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए परियोजनाएं आरंभ कर रही है। इस प्रकार का एक संयंत्र शिमला में स्थापित किया गया है तथा 2 अन्य संयंत्र कुल्लू तथा बद्दी में स्थापित किए जा रहे हैं।
हर नागिरक प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगाए अंकुश
उन्होंने कहा कि पॉलीथीन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इससे मिट्टी, जल तथा वायु प्रदूषण भी उत्पन्न होता है। इसलिए हर नागरिक का दायित्व है कि वह पृथ्वी तथा मानवता के अस्तित्व को बचाने के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश लगाए। उन्होंने कहा कि यह प्लास्टिक हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान एक सप्ताह तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा।
प्लास्टिक के बारे पर्यटक भी हों जागरूक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को भी प्लास्टिक के दुषप्रभावों के प्रति जागरूक करना चाहिए तथा उन्हें पॉलीथीन बैग के स्थान पर जूट या पेपर बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों, युवक मंडलों तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं से उनके संबंधित क्षेत्रों से पॉलीथीन एकत्रित करने तथा उसके उचित निष्पादन को सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष अभियान आरंभ करने का आग्रह किया।
11 दलों को किया हरी झंडी दिखाकर रवाना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने शहर के लगभग सभी क्षेत्रों के 11 विभिन्न मार्गों से पॉलीथीन कचरा एकत्रित करने के लिए स्वयंसेवकों के 11 दलों को हरीझंडी दिखाकर रवाना किया। निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डी.सी. राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि विद्यार्थी व अन्य स्वयंसेवक उनको आंबटित किए गए संबंधित क्षेत्रों से प्लास्टिक का कचरा एकत्रित करेंगे तथा नगर निगम शिमला के सफाईकर्ता इसका वैज्ञानिक निष्पादन सुनिश्चित करेंगे। इस अवसर पर नगर निगम शिमला के उप महापौर राकेश शर्मा व अतिरिक्त उपायुक्त सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।