CM जयराम बोले-जल विद्युत क्षेत्र को पर्यटन में शामिल करेगी सरकार

Edited By Vijay, Updated: 03 Oct, 2018 09:24 PM

cm jairam said government will include hydropower sector in tourism

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार जल विद्युत और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है। ग्रेटर नोएडा में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा बुधवार को आयोजित पुनर्निवेश नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक...

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार जल विद्युत और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है। ग्रेटर नोएडा में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा बुधवार को आयोजित पुनर्निवेश नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक मीट एवं प्रदर्शनी के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जल विद्युत क्षेत्र को पर्यटन में शामिल करने का फैसला लिया है। राज्य के जल विद्युत जलाशयों को जल विद्युत पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है।

अग्रिम प्रीमियम की दर 20 लाख से हुई 1 लाख
उन्होंने कहा कि परियोजना आबंटित करते समय अग्रिम प्रीमियम की दर को 20 लाख रुपए से घटाकर महज 1 लाख रुपए प्रति मैगावाट किया गया है और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए भूमि पट्टे की दर 1 रुपए प्रति वर्ग मीटर से भी कम है। उन्होंने कहा कि पहले से ही बिजली पैदा कर रही परियोजनाओं के अलावा आबंटित परियोजनाओं से राज्य सरकार ने प्रारंभिक 12 वर्षों के लिए रॉयल्टी को स्थगित किया है और यह रॉयल्टी अगले 28 वर्षों के दौरान ली जाएगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में आबंटित परियोजनाओं के मामले में अनुबंध अवधि के दौरान 12 प्रतिशत नि:शुल्क बिजली समान रूप से एकत्र की जाएगी।

बिजली उत्पादकों की मुख्य समस्या का भी समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली बेचने के संबंध में बिजली उत्पादकों की मुख्य समस्या का भी समाधान कर लिया है। राज्य विद्युत बोर्ड 25 मैगावाट तक की सभी जल विद्युत परियोजनाओं से एक निश्चित दर पर बिजली खरीदेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार समस्त जल विद्युत परियोजनाओं को नवीनीकरण ऊर्जा की श्रेणी में शामिल करने के मुद्दे को उठाती रही है, ताकि इन्हें भी नवीनीकरण ऊर्जा परियोजनाओं को दिए जा रहे लाभ मिल सकें क्योंकि वर्तमान में 25 मैगावाट तक की जल विद्युत परियोजनाओं को इस श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है।

हरित ऊर्जा का उत्पादन करती हैं जल विद्युत परियोजनाएं
न्होंने कहा कि जल विद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा का उत्पादन करती हंै, जो पर्यावरण अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह मांग मान ली जाती है तो राज्य में और अधिक निवेशक आकर्षित होंगे, जिससे आर्थिकी और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को भी बढ़ावा देने की इच्छुक है और स्पीति क्षेत्र में पहले ही 1000 मैगावाट सोलर पार्कों की पहचान की जा चुकी है और निकट भविष्य में 200 मैगावाट क्षमता की विभिन्न परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं।

राज्य में 27000 मैगावाट जल विद्युत के दोहन की क्षमता
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 27000 मैगावाट जल विद्युत के दोहन की क्षमता है, जो समूचे देश का एक-चौथाई है, जिसमें से 10547 मैगावाट का 151 परियोजनाओं के माध्यम से दोहन किया जा चुका है। इसके अलावा 2395 मैगावाट क्षमता की 63 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, 8000 मैगावाट क्षमता की 770 परियोजनाओं का आबंटन किया जा चुका है जबकि 2100 मैगावाट की बड़ी परियोजनाओं का शीघ्र आबंटन किया जाएगा। इससे पूर्व, मुख्यमंत्रीने इंडिया एक्सपो मार्ट में हिमाचल प्रदेश सरकार के ऊर्जा निदेशालय द्वारा स्थापित हिमाचल पैवलियन का उद्घाटन किया। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी और प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना भी इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे।

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