दिल्ली में इन 3 केंद्रीय मंत्रियों से मिले CM जयराम, हिमाचल के लिए रखीं ये बड़ी मांगें

Edited By Vijay, Updated: 08 Nov, 2018 09:29 PM

cm jairam met these 3 central ministers in delhi

हिमाचल प्रदेश की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को नई दिल्ली में एक के बाद एक 3 केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेतली, सुरेश प्रभु व निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।

शिमला: हिमाचल प्रदेश की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को नई दिल्ली में एक के बाद एक 3 केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेतली, सुरेश प्रभु व निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। उन्होंने तीनों मंत्रियों से प्रदेश हित से जुड़े मामलों को उठाया, जिनमें केंद्रीय योजनाओं में आसान ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने, उड़ान-2 सेवा को शीघ्र शुरू करने, मनाली में सासे हैलीपैड को पर्यटन के उद्देश्य से उपयोग में लाने तथा रोहतांग सुरंग का नामकरण भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मुलाकात के दौरान आसान ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने आई.डी.पी. और फॉरेस्ट फॉर प्रॉस्पैरिटी (एफ.पी.पी.) परियोजनाओं का विलय करके एक ही विभाग द्वारा कार्यान्वित करने की भी मांग की।

उद्यमियों को नहीं मिल रहे जमानत मुक्त ऋण
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि राज्य सहकारी बैंकों को क्रैडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजिज (सी.जी.टी.एम.एस.ई.) और स्मॉल फार्मर्ज एग्री बिजनैस कन्सॉटिम (एस.एफ.ए.सी.) के लिए क्रैडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत सदस्य ऋ ण संस्थान नहीं बनाया गया है, जिस कारण से संभावित उद्यमियों को भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे मुद्रा, पी.एम.ई.जी.पी., एन.आर.एल.एम. व एन.यू.एल.एम. इत्यादि के अंतर्गत जमानत मुक्त ऋण नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने सहकारी बैंकों के माध्यम से लक्षित समूहों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आसान ऋण सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल सहकारी बैंकों को अपने ऋ णों का विस्तार करने में मदद मिलेगी बल्कि आसान ऋ ण सुविधा के कारण रोजगार पैदा करने, आजीविका के साथ-साथ कृषि तथा कृषि आधारित उद्योगों के विकास और विविधीकरण में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने एक अलग परियोजना के रूप में एकीकृत विकास परियोजना को साधन स्थिरता और क्लाइमेट रिजिलिएंट रेन फैड एग्रीकल्चर के लिए विश्व बैंक से हस्तक्षेप कर धन जारी रखने के लिए राजी करने का मामला उठाने का भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि आई.डी.पी. और फॉरेस्ट फॉर प्रॉस्पैरिटी (एफ.पी.पी.) का विलय दोनों परियोजनाओं को एक ही विभाग द्वारा कार्यान्वित करने और इसके समान उद्देश्य व परिणाम को देखते हुए किया गया।

दोनों परियोजनाओं के उद्देश्य और कार्यान्वयन के तौर तरीके अलग-अलग
उन्होंने वित्त मंत्री को अवगत करवाया कि दोनों परियोजनाओं के उद्देश्य और कार्यान्वयन के तौर तरीके अलग-अलग हैं तथा कहा कि आई.डी.पी. का उद्देश्य कृषि क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना एवं सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता में सुधार करना तथा किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए सीधे ग्राम पंचायतों के साथ काम करना है। उन्होंने बताया कि दूसरी ओर एफ .पी.पी. एक केंद्र भाग वानिकी परियोजना है, जिसका उद्देेश्य वन और उच्च पर्वतीय चारागाहों के प्रबंधन और सामुदायिक उपयोग में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए विलय की सिफ ारिश करते समय राज्य की धन संबंधित आवश्यकताओं पर विश्व बैंक द्वारा सही तरीके से विचार नहीं किया गया और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आई.डी.पी. के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया।
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उड़ान-2 परियोजना आरंभ करने की औपचारिकताएं पूरा करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से भेंट कर हिमाचल में उड़ान-2 परियोजना आरंभ करने से संबंधित औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि उड़ान-2 परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने में बहुत देरी हो रही है तथा आग्रह किया कि इस अवधि के दौरान चंडीगढ़-बद्दी/कसौली-शिमला-कुल्लू-धर्मशाला के लिए हैलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए अंतरिम व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने मंडी में बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मामले को भी उठाया तथा अवरोध परिसीमा सर्वेक्षण शीघ्र करवाने का भी आग्रह किया ताकि शेष अनापत्तियां मिल सकें। उन्होंने शिमला हवाई अड्डे में बड़े विमान के उतारने के लिए तकनीकी समाधान उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया।
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सासे रक्षा हैलीपैड का उपयोग करने के लिए मांगी अनुमति
उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मनाली में पर्यटन की दृष्टि से सासे रक्षा हैलीपैड का उपयोग करने के लिए अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने किन्नौर और लाहौल-स्पीति में बी.आर.ओ. के अधीन आने वाली सड़कों की हालत सुधारने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सतलुज और चिनाब नदियों पर जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए एकमात्र पहुंच सड़कें हैं, जिनके रखरखाव पर उचित ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने रोहतांग सुरंग का नामकरण भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखे जाने का आग्रह भी किया।

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