Edited By kirti, Updated: 14 Jul, 2019 11:20 AM
सरकार के स्वच्छता अभियान को सब्जी विक्रेता टैंपो से आकर धक्का पहुंचा रहे हैं। ऐसा ही पर्यावरण को दूषितकरने का उदाहरण भोटा से 1 किलोमीटर दूर झिलारड़ी जंगल में देखा जा सकता है, जहां पर चीड़ के पेड़ों के इर्द-गिर्द बहुत-सा कचरा पॉलीथीन का फैंका हुआ है।...
भोटा: सरकार के स्वच्छता अभियान को सब्जी विक्रेता टैंपो से आकर धक्का पहुंचा रहे हैं। ऐसा ही पर्यावरण को दूषितकरने का उदाहरण भोटा से 1 किलोमीटर दूर झिलारड़ी जंगल में देखा जा सकता है, जहां पर चीड़ के पेड़ों के इर्द-गिर्द बहुत-सा कचरा पॉलीथीन का फैंका हुआ है। यहीं से ऊना हाईवे निकलता है। ऊना की तरफ से सुबह-सवेरे कई टैंपो सब्जियों के भरकर आते हैं। दुकान-दुकान सब्जी को बेचा जाता है। जो शाम को सब्जी सड़ी-गली होती है उसे टैंपो चालक झिालारड़ी में सड़क के नीचे फैंक देते हैं। पॉलीथीन के कई ढेर यहां पर लगे हैं। खुले में फैंके हुए पॉलीथीन को आवारा पशु चारा समझकर खा रहे हैं। बंदरों के झुंड भी यहां बैठकर टैंपुओं का इंतजार करते हैं।
कई बार पैदल चल रहे यात्रियों को इस सड़क से गुजरना मुश्किल हो जाता है। वन विभाग ने भी इसी जगह पर यहां कूड़ा-कर्कट न फैंकने का बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी है, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। लोहडर पंचायत के उपप्रधान संजय कुमार का कहना है कि वन विभाग इस जगह पर गश्त करे। कूड़ा-कर्कट फैंकने वाले टैंपुओं का चालान करे, तभी बात बनेगी।