Edited By Vijay, Updated: 17 Mar, 2021 10:43 PM
सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने मजदूरों की मांगों को लेकर शिमला में विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। सीटू के बनैर तले पंचायत भवन में प्रदेश भर से हजारों मजदूर एकत्रित हुए और विधानसभा चौड़ा मैदान तक रैली निकाली। इस दौरान केंद्र व प्रदेश...
शिमला (ब्यूरो): सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने मजदूरों की मांगों को लेकर शिमला में विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। सीटू के बनैर तले पंचायत भवन में प्रदेश भर से हजारों मजदूर एकत्रित हुए और विधानसभा चौड़ा मैदान तक रैली निकाली। इस दौरान केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों पर सीटू कार्यकर्ताओं ने जमकर हल्ला बोला और चेताया कि अगर मजदूर व किसान विरोधी कानून वापस न लिए तो आंदोलन तेज होगा। इस दौरान घंटों तक शिमला शहर में ट्रैफिक जाम लगा रहा। विधानसभा के बाहर हुए प्रदर्शन को सीटू के भूतपूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंघा, सीटू राष्ट्रीय सचिव कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, जगत हिमाचल किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. कुलदीप सिंह तंवर, संजय चौहान व इत्यादि नेताओं ने संबोधित किया। प्रदर्शन के बाद 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री विक्रम ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें बारह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. कश्मीर ठाकुर, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, विजय शर्मा व लेखराम वर्मा शामिल रहे।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गई मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिताओं के खिलाफ, न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए घोषित करने, वेतन को उपभोक्ता मूल्य अथवा महंगाई सूचकांक के साथ जोड़ने, मनरेगा वर्कर्ज को 200 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने, उन्हें न्यूनतम 300 रुपए दिहाड़ी देने, उनका आर्थिक लाभ व सामान 3 महीने में उपलब्ध करवाने, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील व आशा वर्कर्ज को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों की नियुक्ति करने, कॉन्ट्रैक्ट रोजगार पर अंकुश लगाने, 8 के बजाए 12 घंटे ड्यूटी करने के खिलाफ, कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी, कर्मचारियों की पुरानी पैंशन बहाली, मजदूरों के वेतन में कटौती, ईपीएफ व ईएसआई की राशि में कटौती, किसान विरोधी 3 कानूनों व बिजली विधेयक 2020 के मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के हजारों मजदूर सड़कों पर उतरे व विधानसभा पर जोरदार प्रदर्शन किया।