हादसों के बाद भी नहीं लिया सबक, स्कूल बसों में ठूंस-ठूंस कर भरे जा रहे बच्चे

Edited By Vijay, Updated: 23 Jun, 2018 03:26 PM

children to be filled with throats in school buses

नूरपुर स्कूल बस हादसे के बाद से स्कूल बसों में छात्रों की सुरक्षा के लिए काफी सावधानी बरतने के लिएसरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं। बात राज्य प्रशासन की करें या फिर जिला प्रशासन की तो स्कूल बस हादसे के दौरान काफी सख्ती बरती गई थी।

हमीरपुर: नूरपुर स्कूल बस हादसे के बाद से स्कूल बसों में छात्रों की सुरक्षा के लिए काफी सावधानी बरतने के लिएसरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं। बात राज्य प्रशासन की करें या फिर जिला प्रशासन की तो स्कूल बस हादसे के दौरान काफी सख्ती बरती गई थी। पहले-पहले तो प्रशासन की सख्ती को देखते हुए स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया परंतु अब कुछ निजी स्कूल सरकारी निर्देशों की अवमानना करते हुए छात्रों को स्कूल बसों में ठूंस-ठूंस कर भर रहे हैं। वहीं स्पीड लिमिट का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।


कार्य को ठंडे बस्ते में डालकर बैठ गया प्रशासन
ऐसी स्थिति को देखकर लगता है कि प्रशासन एक बार कार्रवाई अमल में लाने के बाद आगे के अपने कार्य को ठंडे बस्ते में डालकर बैठ गया है। हादसे के दौरान तो बड़े जोरों-शोरों से चालान काटे गए। छात्र सुरक्षित रहें, इसके लिए स्कूलों में जागरूकता शिविर लगाए गए। अब बात जिला में चल रहे प्राइवेट स्कूलों की करें तो जिला हैडक्वार्टर में चल रहे स्कूलों में तो सावधानी बरती जा रही है परंतु दूरदराज के क्षेत्रों में चल रहे निजी स्कूलों की बसों में छात्रों को वैसे ही ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है।


विभाग ने काटे 59 चालान
वहीं स्कूल बसों में निर्धारित सीटों से ज्यादा बैंच लगाए जाने व स्पीड गवर्नर न लगाए जाने पर विभाग ने कार्रवाई अमल में लाते हुए चालान काटे थे। विभाग द्वारा इस दौरान स्कूल बसों के 16,400 रुपए के 59 चालान काटे गए।


ये हैं राज्य सरकार के निर्देश
सरकारी निर्देशानुसार 60 साल से अधिक आयु के चालक को स्कूल बस में चालक की नौकरी नहीं दी जाएगी तथा जिस चालक के पास ड्राइवरी में 5 साल या उससे अधिक का अनुभव होगा उसे ही स्कूल बस में ड्राइवर की नौकरी पर रखा जाएगा। पुरानी बसों को स्कूल बसों की श्रेणी से बाहर रखा गया है। वहीं सरकार द्वारा पुरानी बसों की ऑक्शन से भी स्कूलों को बाहर किया गया है। वहीं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर स्कूल बसों के औचक निरीक्षण के भी जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। स्कूल बसों को केवल 40 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाया जा सकता है तथा स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल बसों में चालक व परिचालक के साथ एक अटैंडैंट होना भी आवश्यक है।


निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के कड़े निर्देश
आर.टी.ओ. हमीरपुर प्रभात चौधरी ने बताया कि  विभाग द्वारा सभी निजी स्कूलों को छात्रों की सुरक्षा के कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी चेताया गया है। हादसे के दौरान भी विभाग द्वारा बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के निर्देश दिए गए हैं तथा निर्धारित सीटों से ज्यादा छात्रों को ठूंस-ठूंस कर भरने पर भी सख्त मनाही है।

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