Edited By Ekta, Updated: 18 Mar, 2019 12:10 PM
शिक्षा खंड द्रंग-1 के तहत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला भटवाड़ के नौनिहाल खुले आसमान तले पढ़ाई करने के लिए विवश हैं। पिछले साल अगस्त माह में स्कूल भवन लैंड स्लाइडिंग की चपेट में आने से जगह असुरक्षित घोषित की गई है लेकिन अब नौनिहालों को पढ़ाई करने...
मंडी (सकलानी): शिक्षा खंड द्रंग-1 के तहत आने वाली राजकीय प्राथमिक पाठशाला भटवाड़ के नौनिहाल खुले आसमान तले पढ़ाई करने के लिए विवश हैं। पिछले साल अगस्त माह में स्कूल भवन लैंड स्लाइडिंग की चपेट में आने से जगह असुरक्षित घोषित की गई है लेकिन अब नौनिहालों को पढ़ाई करने के लिए दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है, जहां बच्चे खुले आसमान तले बैठने को मजबूर हैं। हालांकि उक्त स्थान पर ग्रामीणों द्वारा बहुत वर्ष पहले एक कमरा बनाया गया था लेकिन उसकी हालत भी ठीक नहीं है। उस कमरे में स्कूल का सामान रखा जाता है और नौनिहाल खुले आसमान तले पढ़ने के लिए विवश हैं। स्कूल प्रबंधन कमेटी ने प्रदेश सरकार सहित शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग उठाई है कि स्कूल भवन के लिए जल्द धनराशि स्वीकृत की जाए ताकि बच्चों को सुचारू ढंग से पढ़ाई करने हेतु कमरे उपलब्ध हो सकें।
नौनिहालों की पढ़ाई बुरी तरह हो रही प्रभावित
स्कूल प्रबंधन कमेटी का कहना है कि स्कूल भवन की जगह असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद विभागीय अधिकारियों को नए कमरों के निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा गया लेकिन करीब 8 महीने बीत जाने पर अभी तक कमरों की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। बारिश के दिनों में नौनिहालों की पढ़ाई तो दूर उन्हें बैठने तक के लिए जगह नहीं मिल पाती है। कमेटी ने सी.एम. जयराम ठाकुर सहित शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज व विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि नौनिहालों की दिक्कतों को देखते हुए जल्द कमरों की स्वीकृति प्रदान की जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई सुचारू ढंग से हो सके।
पेयजल व शौचालय की सुविधा भी नहीं
स्कूल भवन न होने से वहां के नौनिहाल खुले में बैठने को विवश हैं जिससे कड़ाके की ठंड में वे ठिठुर रहे हैं। जहां स्कूल प्रबंधन द्वारा कक्षाएं चलाने का प्रबंध किया गया है वहां न तो पेयजल की सुविधा है और न ही शौचालय की। विभाग की अनदेखी के चलते नौनिहाल पेयजल सहित शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने कई मर्तबा विभाग को अवगत करवाया लेकिन अभी तक कमरों के निर्माण को लेकर धनराशि मुहैया नहीं हो पाई है।