मुख्यमंत्री ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ‘हिम हल्दी दूध’ का शुभारम्भ किया

Edited By prashant sharma, Updated: 12 Aug, 2020 05:01 PM

chief minister inaugurates  ice turmeric milk  to increase immunity

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज पोषणयुक्त तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मिल्कफेड के ‘हिम हल्दी दूध’ का शुभारम्भ किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मंडी, शिमला और कुल्लू जिले के दुग्ध उत्पादकों...

शिमला : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज पोषणयुक्त तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मिल्कफेड के ‘हिम हल्दी दूध’ का शुभारम्भ किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मंडी, शिमला और कुल्लू जिले के दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि वितरित की और उनसे बातचीत भी की। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम हल्दी दूध पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित किया गया है, जिसका पेटेंट करवाया गया है। उन्होंने कहा कि यह पेय डिटॉक्स ड्रिंक है, जिसमें एंटी हैंगओवर, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता विद्यमान हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पेय आम जनता के बीच लोकप्रिय होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत मिल्कफेड ने आज 835 दूध उत्पादकों के बैंक खातों में कुल 16.70 लाख रुपये हस्तांतरित किए। प्रत्येक दुग्ध उत्पादक के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में 2000 रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने 1000 लीटर दूध बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक उत्पादक को पांच लीटर स्टेनलेस स्टील की बाल्टियां प्रदान की। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में दो बार बढ़ौतरी की है। वर्तमान में दुग्ध उत्पादकों से 27.80 रुपये प्रति लीटर की दर पर दूध क्रय किया जा रहा है। मिल्कफेड द्वारा दुग्ध उत्पादकों को दूध क्रय के लिए 8 से 9 करोड़ रुपये प्रतिमाह उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और पशु चारा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चक्कर और दत्तनगर के मिल्कफेड प्लांट की क्षमता को 16 लाख रुपये प्रत्येक पर व्यय कर बढ़ाया गया है। वर्तमान में राज्य में मिल्कफेड द्वारा 11 दुग्ध प्लाटों का प्रबन्धन किया जा रहा है और 1011 दूग्ध सहकारी सभाएं मिल्कफेड से जुड़ी हुई हैं। 

उन्होंने वर्ष 2019-20 में मिल्कफेड की 132 करोड़ रुपये की कुल वार्षिक बिक्री पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 33 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में भी मिल्कफेड ने अपनी गतिविधियां जारी रखीं और किसानों से दूध प्राप्त किया। ग्रामीण विकास, कृषि व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि राज्य में दुग्ध सहकारी सभाओं को पांच प्रतिशत कमीशन दी जा रही है। वर्तमान में प्रतिदिन मिल्कफेड द्वारा 1.24 लाख लीटर दूध एकत्रित किया जा रहा है। मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चन्द शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा व मिल्कफेड के प्रबन्ध निदेशक भूपेन्द्र अत्री सहित अन्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
 

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