Edited By Ekta, Updated: 13 Sep, 2018 04:27 PM
आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में किसी के पास दूसरों के लिए कोई वक्त नहीं है। यहां तक की अगर कोई दुर्घटना भी हो जाए तब उसमें लोग व्यक्ति को हाथ तक नहीं लगाते, उल्टा उसकी वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते है। परन्तु वीरवार को चीफ जस्टिस करोल ने इंसानियत की...
शिमला: आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में किसी के पास दूसरों के लिए कोई वक्त नहीं है। यहां तक की अगर कोई दुर्घटना भी हो जाए तब उसमें लोग व्यक्ति को हाथ तक नहीं लगाते, उल्टा उसकी वीडियो बनाने में व्यस्त हो जाते है। परन्तु वीरवार को चीफ जस्टिस करोल ने इंसानियत की एक बड़ी मिसाल पेश की। शिमला में वीरवार सुबह 9:30 बजे चीफ जस्टिस करोल रोज की तरह उच्च न्यायालय की ओर जा रहे थे।
लक्कड़ बाजार स्थित व्हाइट होटल के सामने एक व्यक्ति को अचानक चक्कर आने की वजह से वह सड़क पर तड़प रहा था। इस घटना को देखकर वह गाड़ी से नीचे उतर गए और व्यक्ति को उठाकर अपनी गाड़ी में डाला। साथ ही अपने चालक को निर्देश दिए कि इसको आईजीएमसी छोड़ दो। इतना ही नहीं वह खुद पैदल ही उच्च न्यायालय के लिए जाने लगे। लक्कड़ बाजार पहुंचने पर उनकी पायलेट आई और वह फिर उसमें बैठ कर संजय न्यायालय पहुंचे।