Edited By Ekta, Updated: 03 Apr, 2019 01:28 PM
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरु में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के साथ शिक्षा के नाम पर धोखा ही है। स्कूल में स्वीकृत 21 पदों में से दर्जन के करीब पद रिक्त चलने से बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे है। टिकरु स्कूल में प्रधानाचार्य सहित प्रवक्ताओं,...
सलूणी (शक्ति): राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिकरु में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के साथ शिक्षा के नाम पर धोखा ही है। स्कूल में स्वीकृत 21 पदों में से दर्जन के करीब पद रिक्त चलने से बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे है। टिकरु स्कूल में प्रधानाचार्य सहित प्रवक्ताओं, अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों के दर्जन रिक्त पदों के चलने से बीते वर्ष स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे अपनी पढ़ाई को प्रभावित देखकर अन्य स्कूलों में पलायन कर चुके हैं लेकिन स्कूल में अध्यापकों व कर्मचारियों के पदों को भरने की विभाग व सरकार जहमत नहीं उठा पा रहा है।
स्कूल में वर्तमान समय में प्रधानाचार्य, इतिहास प्रवक्ता का 1 पद, प्रवक्ता हिन्दी 1 पद, मैडीकल अध्यापक 1 पद, नॉन-मैडीकल 1 पद, एल.टी. 1 पद, पी.टी.1 पद, अधीक्षक 1 पद, जूनियर सहायक 1 पद व लिपिक का 1 पद रिक्त चल रहा है जबकि स्कूल में इस समय 200 के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं लेकिन स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर असमंजस में हैं। स्कूल में प्रवक्ताओं, अध्यापकों, अधीक्षक, जूनियर सहायक, लिपिक व चतुर्थ कर्मचारियों सहित 21 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 9 पद पिछले कई माह से रिक्त चल रहे हैं। स्कूल में रिक्त पदों के बारे में बच्चों के अभिभावक भरने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति व पंचायत के माध्यम से प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग के अधिकारी से मांग कर चुके हैं लेकिन समस्या अभी भी जस की तस बनी है। बीते वर्ष अध्यापकों के रिक्त पदों के चलते कई अभिभावक बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित देखकर अपने बच्चों को अन्य स्कूलों में दाखिला दिला चुके हैं।
स्कूल में रिक्त अधीक्षक, जूनियर सहायक व लिपिक के पदों के चलते अध्यापकों को पढ़ाने के साथ अध्यापकों का वेतन सहित अन्य कार्यालय के कार्य को निपटाना पड़ रहा है। स्कूल में रिक्त पदों के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती देखकर विभाग को अपनी प्राथमिकता में शुमार शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रिक्त पदों को शीघ्र भरने चाहिएं ताकि बच्चे पढ़ाई सुचारू रख सकें। रिक्त पदों के चलते स्कूल से जो भी अध्यापक सेवानिवृत्त होकर या फिर तबादला करवा कर जाते हैं उनके स्थान पर विभाग तैनाती नहीं करता है और एक-एक कर पद रिक्त हो रहे हैं। लोगों द्वारा आवाज उठाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिस वजह से लोगों व अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है।