Edited By Vijay, Updated: 26 May, 2021 05:21 PM
हिमाचल प्रदेश के सरकारी डिपुओं में सस्ते राशन के रूप में जो आटा दिया जा रहा है क्या वह खाने लायक है। जी हां, एक बार फिर ऐसे ही सवाले सस्ते राशन में मिलने वाले आटे की गुणवत्ता को लेकर उठने शुरू हो गए हैं। इस बार बिलासपुर जिले के चंगर क्षेत्र से एक...
बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल प्रदेश के सरकारी डिपुओं में सस्ते राशन के रूप में जो आटा दिया जा रहा है क्या वह खाने लायक है। जी हां, एक बार फिर ऐसे ही सवाले सस्ते राशन में मिलने वाले आटे की गुणवत्ता को लेकर उठने शुरू हो गए हैं। इस बार बिलासपुर जिले के चंगर क्षेत्र से एक वीडियो सामने आया है, जिसे समाजसेवी कमल देव निवासी तरसुह ने जारी किया है।
कमल देव ने बताया कि उन्होंने तीन-चार लोगों के साथ मिलकर सस्ते राशन के डिपो से एक बोरी आटे की ली। हालांकि आटे की बोरी पूरी तरह से सील बंद थी लेकिन एक तरफ छेद था जब छेद से आटा निकाला तो उसमें आटे की जगह आटे के गोले बाहर निकले, ऐसा लग रहा था जैसे बोरी में सीमैंट भरा हो। यही नहीं, इस आटे के ऊपर काले रंग के कीड़े भी चल रहे हैं। यह सब देखकर लोगों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। अगर ऐसा आटा लोग खाएंगे तो निश्चिततौर बीमार होंगे पर उनकी जान पर भी बन सकती है।
कमल देव का कहना है कि सरकार इस कोरोना काल में गरीबों को राहत देने के लिए सस्ता राशन दे रही है लेकिन सस्ते राशन के रूप में कंपनियां क्या परोस रही हैं इस पर शायद ही कोई नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के मंत्री और अन्य अधिकारियों को समय-समय पर जो कंपनियां सामान दे रही है उनकी चैकिंग भी करनी चाहिए ताकि लोगों को इस प्रकार का घटिया सामान न मिले और उनका स्वास्थ्य न बिगड़े। कमल देव ने इस प्रकार का घटिया आटा सप्लाई करने वाली कंपनी पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वहीं इस बारे में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक बृजेंद्र पठानिया ने कहा कि वह इसकी जांच कर रहे हैं तथा स्वयं संबंधित डिपो में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस किसी की भी लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।